जस्टिस अपनेआप में एक मजबूत शब्द है। ये अच्छाई की बुराई पर, बेगुनाह की गुनहगार पर, सच की झूठ पर जीत है। जब किसी के पास खोने को कुछ नहीं बचता, तो उसे किसी चीज का डर नहीं रहता, फिर वह अपनी बात के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। ऎसी ही कहानी है “गुडबाय गर्ल”।
ये कहानी एक 15 साल की मासूम लड़की की है, जो एक शातिर अपराध का शिकार होकर कुख्यात, मास-मर्डरर बन जाती है। इसके बाद वह मौत के मुंह से बाहर आती है और हर उस शख्स को सबक सीखाती है, जिन्होंने उसकी जिंदगी नरक बना दी। ये एक ऎसी लड़की की कहानी है जो कानून की पकड़ से परे जस्टिस के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।
शीजा जोश की इस डेब्यू बुक का सब्जेक्ट काफी डिफरेंट और दिलचस्प है। कहानी पढ़ते हुए उसमें इंटरेस्ट बना रहता है और आगे क्या होगा ये जानने की उत्सुकता रहती है। बुक काफी सिंपल भाषा में और अच्छी लिखी गई है। साथ ही हर चैप्टर के साथ इसके टाइटल बुक के उस हिस्से को पूरी तरह डिसक्राइब करते हैं। बोल्ड सब्जेक्ट के साथ बदले की ये कहानी इंटरेस्टिंग तो है, लेकिन इसका क्लाइमैक्स थोड़ा छोटा किया जा सकता था। कहीं-कहीं स्टोरी कुछ लैंदी लगने लगती है। अगर आप रेग्यूलर नोवल से कुछ अलग पढ़ना चाहते हैं तो आपको ये बुक जरूर पसंद आएगी।
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