जयपुरPublished: Aug 17, 2023 03:47:08 pm
Narendra Singh Solanki
पहले डाकिया के हाथों से भेजी गई चिट्टियां और बदले में जवाब के इंतजार में लोग कई-कई दिन और महीने खुशी से काट लिया करते थे।
पहले डाकिया के हाथों से भेजी गई चिट्टियां और बदले में जवाब के इंतजार में लोग कई-कई दिन और महीने खुशी से काट लिया करते थे। इस इंतजार में भी एक सुकून था। आज के दौर में उंगलियों से चंद सैकंडों में मैसेज टाइप करके एक क्लिक पर भेज दिया जाता है, जो उसे अगले ही सैकण्ड मिल भी जाता है।यह आधुनिक दुनिया की सुविधा का एकमात्र उदाहरण है। ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनकी बात की जाए तो किताब के पन्नेखत्म हो जाएंगे, लेकिन उदाहरण नहीं। चिट्टियों के समान आज के समय में हमारी सबसे अच्छी दोस्त किताबें भी किसी संदूक में पड़े-पड़े धूल खाने को बेबस हो गई हैं। वहीं, एक क्लिक पर समस्या के समाधान खोजने की परंपरा दौड़ पड़ी है। अब कहां लोग सवालों का पुलिंदा लेकर किताबों के पास आते हैं।