17000 किलो मीटर लम्बी पैदल यात्रा दिल्ली के रहने वाले आशीष शर्मा पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर हैं। इनका छोटा भाई ववकील है और इनके पिता कृषि विभाग में कार्य करते हैं। आशीष एक कंपनी में मैकेनिकल इंजीनियर थे, एक दिन घर से ऑफिस जाते समय इनकी नजर एक भीख मांगते हुए बच्चे पर पड़ी तो उसे देख कर इनके मन में बहुत पीड़ा हुई। आशीष ने तुरंत उस बच्चे से बात की और उसका स्कूल में एडमिशन भी करवाया, अपनी नौकरी के दौरान ऐसे कई बच्चों का इन्होंने भीख मांगना छुड़वाया। आशीष के मुताबिक उनका यह काम आसान नहीं था। लाखों बच्चे हैं जो आप को ट्रेन, बस और भीड़भाड़ वाली जगहों पर भीख मांगते दिख जायेंगे उनका कहना है इसके पीछे पूरा एक रैकेट काम करता है जो इन बच्चों के द्वारा लाखों रुपए रोज पैदा करता है। उनसे लड़ना काफी मुश्किल था, लेकिन इन बच्चों के प्रति पीड़ा को आशीष ने इनके उत्थान के लिये आगे आकर काम करने को मजबूर किया। इसके लिये आशीष ने एक एप भी बनाया और इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिये उन्होंने अपनी नौकरी भी छोड़ दी और निकल पड़े लोगों को जागरूक करने के लिये। 17000 किलो मीटर लम्बी पैदल यात्रा पर।
लोगों का मिल रहा सपोर्ट आशीष अब तक हिमाचल, कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दमन, मध्य्प्रदेश, आदि जगहों पर गये हैं। अब उत्तर प्रदेश में आये हैं। प्रदेश में बदायूं 8वां जिला है जहां आशीष पहुंचे। आशीष जिधर से भी गुजरते हैं लोग इन्हें अचरज से देखते हैं। आशीष भी जहां भीड़ देखते हैं तो वहीं लोगों से बातचीत शुरू करके उन्हें अपने मिशन के बारे में बताते हैं और लोगों को जागरूक करते हैं कि भीख मांगने वालों की अगर वह सच्ची मदद करना चाहते हैं तो उन्हें भीख न देंं, अगर वो पढ़ना चाहते हैं तो उनकी पढ़ाई में मदद करें या फिर कुछ और जिससे उनका भीख मांगना छूट जाये। आशीष के मुताबिक उनके इस अभियान को लोगोंं का काफी सपोर्ट मिल रहा है और लोग इस ओर ध्यान भी दे रहे हैं।