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जेल से कैदी फरार, दस घंटे कड़ी पूछताछ मुरादाबाद और बरेली में अलर्ट

locationबदायूंPublished: May 14, 2018 02:16:33 pm

दो बंदी रक्षकों पर गिरी गाज, किए गए निलंबित मुख्यालय से मामले की जांच शुरू

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बदायूं। बदायूं की जेल से फरार हुए कुख्यात अपराधी सुमित को पुलिस अभी तक तलाश नहीं कर सकी है। कैदी फरार होने के मामले में बदायूं जेल में दो बंदी रक्षकों पर गाज गिरी है, उन्हें निलंबित कर दिया गया है। इस पूरे मामले की जांच के आदेश जारी हुए हैं। वहीं जेल में पिस्टल आने की जांच भी गहनता से की जा रही है।
बदायूं की जेल से रस्सी बांधकर फरार हुआ था
मुरादाबाद में हुए हत्याकांड के आरोपी सुमित के बदायूं जेल से फरार होने के बाद दो बंदी रक्षको पर गाज गिरी है। अतिरिक्त प्रभार देख रहे मुरादाबाद वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने जेल के दो बंदी रक्षकों को घटना का प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है। सिविल लाइंस में दोनों बंदियों के खिलाफ बदायूं जेल अधीक्षक में मुकदमा दर्ज करा दिया है। सिविल लाइन थाना पुलिस ने फरार बंदी की तलाश शुरू कर दी है। डीआईजी शशि श्रीवास्तव रविवार को जिला कारागार पहुंचीं और जेल में 10 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ और जांच करती रही। बता दें कि मुरादाबाद के बहुचर्चित डिलारी ब्लॉक प्रमुख योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा हत्याकांड का मुख्य आरोपी सुमित शनिवार शाम कुछ साथियों के मदद से रस्सी के सहारे जेल की दीवार से सिविल लाइंस थाने के परिसर में फांदकर फरार हो गया था। जबकि इसका साथी कुख्यात चंदन सिंह भागने के विफल हो गया था।
जेल प्रशासन ने घटना के बाद चंदन सिंह से बरामद की पिस्टल
जेल प्रशासन ‌ने घटना के बाद चंदन सिंह से एक पिस्टल दो मैगज़ीन बरामद की थी। जेल से सुमित के फरार होने के बाद मुरादाबाद और बरेली में भी अलर्ट जारी कर दिया गया। पुलिस ने सुमित के गांव और संभावित ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। इधर जेल से हत्यारोपी के फरार होने की रिपोर्ट तैयार कराई गई। वही मंडल प्रभारी मुरादाबाद के वरिष्ठ जेल अधीक्षक एसएचएम रिजवी ने सुमित की बैरक की निगरानी कर रहे बदायूं जेल के बंदी रक्षक भगवान शरण दीक्षित और विजय कुमार को घटना के लिए प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है साथ ही मुख्यालय से इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है। डीआईजी जेल शशि श्रीवास्तव ने भी जिला जेल पहुंचकर अधिकारियों से घटना की जानकारी कर जांच की। डीआईजी जेल शशि श्रीवास्तव ने पूरी जानकारी होने के बाद दोनों अपराधियों की बैरक पर तैनात बंदी रक्षकों की भूमिका संदिग्ध पाई। करीब 13 घंटे की तफ्तीश के बाद डीआइजी जेल ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी है।

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