दरअसल, यह हैरान करने वाली घटना बदायूं रेलवे स्टेशन पर बुधवार रात पौने 11 बजे की है। बदायूं रेलवे स्टेशन पर बरेली से कासगंज से जाने वाले ट्रेन आकर रुकी थी। ट्रेन रुकते ही टीईटी पीके शुक्ल हमेशा की तरह स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों के टिकट चेक रहे थे। इस दौरान टीईटी पीके शुक्ल ने बिजली विभाग के अवर अभियंता समेत चार लोगों को बिना टिकट पकड़ लिया। टीईटी ने जुर्माना करने की बात कही तो विवाद हो गया। इसके बाद टीईटी ने आरपीएफ को बुला लिया। इसके बाद टीईटी चारों की 1120 रुपये की रसीद काट दी। बताया जा रहा है कि इस दौरान जेई ने स्टेशन की लाइन काटने की धमकी भी दी। हालांकि जुर्माना भरकर वे चले गए। जेई के स्टेशन से जाने के करीब आधे घंटे बाद ही स्टेशन की बिजली कट गई।
यह भी पढ़ें- सपा सांसद आजम खान को सबसे बड़ा झटका, जौहर यूनिवर्सिटी पर अब यूपी सरकार ने किया कब्जा अधीक्षण अभियंता ने दी ये सफाई जब इसको लेकर स्टेशन मास्टर ने विद्युत विभाग से बात की तो पहले उन्हें ट्रांसफार्मर फुंकना बताया गया। हालांकि बाद में पता चला कि बिजली ट्रांसफार्मर की आउटपुट लीड निकल गई है। इस कारण पूरे रेलवे स्टेशन की बिजली गुल हुई है। इस तरह पूरी रात स्टेशन पर अंधेरा पसरा रहा। गुरुवार को सुबह ट्रांसफार्मर की लीड लगाकर बिजली सप्लाई शुरू की गई। स्टेशन मास्टर पारसनाथ माैर्य का कहना है कि बगैर टिकट पकड़े गए जेई की टीईटी ने जुर्माने की रसीद काटी थी। जेई के जाने के आधे घंटे बाद ही बिजली गुल हो गई। जबकि अधीक्षण अभियंता दीपक कुमार ने सफाई देते हुए कहा है कि जेई पर जुर्माने से बिजली कटने का कोई मतलब नहीं है। ट्रांसफार्मर की लीड निकलने के चलते आपूर्ति ठप हो गई थी।
ये पहला मामला नहीं भले अब बिजली अधिकारी इस मामले को इत्तेफाक बता रहे हों, लेकिन ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले मेरठ में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया था, जब बिजली कर्मी ने पुलिस वालों से विवाद के बाद पूरे थाने की बिजली काट दी। इसी तरह का एक मामला हापुड़ में भी सामने आया था।