शराब के नशे में डॉक्टर के साथी विवाद भी डाक्टर ने सपा के पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा के भाई से किया था। इटावा से ट्रांसफर होकर आए डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार अपने साथियों के साथ क्षय रोग विभाग में चार्ज लेने पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि डॉक्टर के कुछ साथी शराब के नशे में थे। विभाग में उस समय जिला क्षय रोग कार्यक्रम समन्वय अधिकारी असिफ रजा मौजूद थे। डॉक्टर के साथ कक्ष में पहुंचे लोग शराब के नशे में उनसे कहासुनी करने लगे। इसे देख कक्ष में मौजूद स्टॉफ के लोग भड़क गए और मारपीट शुरू हो गई। वहीं डॉक्टर ने भी इसका विरोध किया, तो स्टॉफ ने उन्हें भी नहीं बक्शा।
पुलिस ने कराया राजीनामा देखते ही देखते दोनों पक्षों में जमकरी लात-घूंसे चले। साथ ही कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ की गई। मारपीट होते ही जिला अस्पताल में हड़कंप मच गया। वहीं हंगामे की सूचना पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस पहुंचते ही आरोपी मौके से भागने लगे। पुलिस ने दौड़कर आरोपियों को हिरासत में लिया और दोनों ही पक्षों को कोतवाली ले आई। मामला हाईप्रोफाइल होने के चलते पुलिस ने अपना हस्तक्षेप करना उचित नहीं समझा। वहीं दोनों ही पक्षों ने अपनी-अपनी गलती मानते हुए सदर कोतवाली पुलिस को माफीनामा सौंप दिया। पुलिस ने मामले को रफा दफा करा दिया है।
आबिद रजा के पहुंचते ही मची हलचल जिला क्षय रोग विभाग में तैनात आसिफ रजा ने मारपीट और तोड़फोड़ होने की सूचना तत्काल अपने भाई सपा के पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा को दी। आनन फानन में सपा के पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा अपने साथियों के साथ जिला पुरुष अस्पताल पहुंच गए। आबिद रजा के पहुंचते ही अधिकारियों कर्मचारियों से लेकर डाक्टरों में हलचल मच गई। पूर्व दर्जा राज्यमंत्री को देखते ही अस्पताल के तमाम कर्मचारी मौके पर पहुंच गए और घटना की पूरी जानकारी भी दी।