धर्मेंद्र ने जीते चुनाव
साल 2014 में जब पूरे देश में मोदी लहर थी। तब भी ये सीट सपा ने अच्छे वोटों से जीती थी। समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव ने यहां भारी जीत हासिल की । उन्हें इस चुनाव में 4,98,378 वोट प्राप्त हुए थे। वहीं भाजपा के वगीश पाठक को 3,32,031 वोट मिले थे। बसपा के अकमल खां उर्फ चमन ने इस सीट पर 1,56,973 वोट प्राप्त किए थे।
साल 2014 में जब पूरे देश में मोदी लहर थी। तब भी ये सीट सपा ने अच्छे वोटों से जीती थी। समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव ने यहां भारी जीत हासिल की । उन्हें इस चुनाव में 4,98,378 वोट प्राप्त हुए थे। वहीं भाजपा के वगीश पाठक को 3,32,031 वोट मिले थे। बसपा के अकमल खां उर्फ चमन ने इस सीट पर 1,56,973 वोट प्राप्त किए थे।
2009 में भी मिली थी बड़ी जीत
बात अगर 2009 के लोकसभा चुनाव की करें तो इस सीट पर धर्मेंद्र यादव ने कुछ हजार वोटों के अंतर से चुनाव जीता था। उस वक्त धर्मेंद्र यादव को 2,33,744 वोट मिले थे जबकि उनके प्रतिद्वंदी बसपा के धर्म यादव उर्फ डीपी को 2,01,202 वोट मिले थे। सलीम इकबाल शेरवानी ने ये चुनाव कांग्रेस की टिकट पर लड़ा था। जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। सलीम इकबाल शेरवानी को उस समय 1,93,834 वोट मिला था। वहीं जद यू के डीके भारद्वाज ने 74,079 वोट हासिल किए थे।
बात अगर 2009 के लोकसभा चुनाव की करें तो इस सीट पर धर्मेंद्र यादव ने कुछ हजार वोटों के अंतर से चुनाव जीता था। उस वक्त धर्मेंद्र यादव को 2,33,744 वोट मिले थे जबकि उनके प्रतिद्वंदी बसपा के धर्म यादव उर्फ डीपी को 2,01,202 वोट मिले थे। सलीम इकबाल शेरवानी ने ये चुनाव कांग्रेस की टिकट पर लड़ा था। जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। सलीम इकबाल शेरवानी को उस समय 1,93,834 वोट मिला था। वहीं जद यू के डीके भारद्वाज ने 74,079 वोट हासिल किए थे।
ये है 1991 तक का इतिहास
इस सीट पर 1991 में भाजपा के स्वामी चिन्मयानंद ने जीत हासिल की थी। इसके बाद 1996 में समाजवादी पार्टी से सलीम इकबाल शेरवानी ने चुनाव जीता। सलीम इकबाल शेरवानी लोकसभा चुनाव 1998, लोकसभा चुनाव 1999 और लोकसभा चुनाव 2004 में समाजवादी पार्टी से सांसद चुने गए। इसके बाद यहां सैफई परिवार ने एंट्री की और 2009 के साथ 2014 के चुनाव में धर्मेंद्र यादव सांसद चुने गए।