इस मामले में पीड़िता के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों के मुताबिक रविवार शाम महिला धर्मस्थल पर पहुंची थी और करीब सात घंटे बाद यानी रात 12 बजे पुजारी सत्यनारायण दास, वेदराम और यशपाल उसे अर्द्धनग्न अवस्था में उसे घर के बाहर फेंककर चले गए। महिला के प्राइवेट पार्ट से बहुत खून बह रहा था और उसका एक पैर भी टूटा हुआ था। इसकी जानकारी परिजनों ने तुरंत पुलिस को दी। आरोप है कि पुलिस सूचना के बाद भी सोमवार दोपहर तक मौके पर नहीं पहुंची और लापरवाही दिखाते हुए मंगलवार दोपहर बाद महिला के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। साथ ही पुलिस ने गैंगरेप के मामले को रेप की धारओं में दर्ज किया था।