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समाजवादी पार्टी में मचा घमासान, अखिलेश यादव के भाई व सपा सांसद धर्मेंद्र यादव का फूंका गया पुतला और हुई नारेबाजी, जानिए पूरा मामला

locationबदायूंPublished: Oct 31, 2018 11:05:12 am

Submitted by:

suchita mishra

पूर्व विधायक एवं दर्जा राज्यमंत्री रहे आबिद रजा का सोत नदी पर निर्माणाधीन मैरिज होम ध्वस्त करने के बाद सपा की अंदरूनी लड़ाई सड़क पर आ गई है।

SP Leader

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बदायूं। बदायूं विधानसभा सीट से सपा के पूर्व विधायक एवं दर्जा राज्यमंत्री रहे आबिद रजा द्वारा सोत नदी पर अवैध कब्जा कर बनवाए जा रहे मैरिज होम पर जिला प्रशासन ने बुलडोजर चलवा देने के बाद पूर्व विधायक ने भाजपा के साथ साथ सपा पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उन्हें मुसलमान होने की सजा मिली। ये सजा बीजेपी भी दे रही है और कुछ अपने लोग भी। अपने लोगों से उनका इशारा सपा सांसद धर्मेंद्र यादव से जोड़कर देखा जा रहा है।
समर्थकों ने फूंका धर्मेंद्र यादव का पुतला
आबिद रज़ा ने कहा कि जब मैंने गंगा और गोकशी के खिलाफ मोर्चा खोला, तब सपा की ही सरकार थी और तब उनके मैरिज होम का काम रोक दिया गया। अब जब उन्होंने मुसलमानों के हक़ में आवाज बुलंद की तो उनका मैरिज होम तुड़वा दिया गया। आबिद रजा का मैरिज होम टूटने के साथ ही सपा की अंदरूनी लड़ाई भी सड़क पर आ गई है। मैरिज होम टूटने के बाद आबिद रज़ा के समर्थकों ने बदायूं से सपा सांसद धर्मेंद्र यादव का पुतला फूंका और धर्मेंद्र यादव मुर्दाबाद के नारे लगाए।
मैरिज होम तोड़ने का देना होगा मुआवजा
पूर्व विधायक ने कहा कि 22 तारीख को डीएम ने मेरी अपील खारिज की। एक महीने का समय दिया जाता है। लेकिन उन्हें न तो कोई नोटिस दिया गया, न आदेश मिला और न ही अपील करने का समय दिया। उन्होंने कहा कि वे इंसाफ के लिए न्यायालय जाएंगे। उन्होंने कहा कि लोग नहीं चाहते कि मैं मुसलमानों को जागरूक करूं। आबिद रजा ने कहा कि मैंने जमीन खरीदी उनको एसडीएम ने 143 घोषित किया। 143 का मतलब है आवासीय घोषित होना। इसमें मेरा क्या कसूर है। अब मैं मैरिज होम तुड़वाने के बदले मुआवजे की मांग करूंगा।
बता दें कि बदायूं सदर सीट से सपा के पूर्व विधायक रहे आबिद रज़ा को आज़म खान का करीबी माना जाता है। यूपी में सपा सरकार होने के दौरान साल 2016 में आबिद रजा ने बदायूं के सांसद धर्मेंद्र यादव पर अवैध खनन और गोकशी कराने का आरोप लगाया था, जिसके बाद आबिद रजा को पार्टी से निकाल दिया गया था। लेकिन आज़म खान से करीबी के चलते न केवल आबिद रज़ा की सपा में वापसी हुई बल्कि उन्हें 2017 में बदायूं विधानसभा सीट से सपा का प्रत्याशी भी बनाया गया। इसी महीने की 23 तारीख को आबिद रज़ा ने मुसलमानों की समस्याओं को लेकर मशवराती काउंसिल की मीटिंग की थी, जिसमें आज़म खान सहित देशभर के करीब 100 मुस्लिम नेता शामिल हुए थे। उस मीटिंग को भी सपा की खिलाफत के रूप में देखा जा रहा था।
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