32 वर्ष पुरानी है इमारत
जिला मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर स्पोर्ट्स स्टेडियम है। स्टेडियम में कई खेलों के कोच भी हैं, जो खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देते हैं। स्टेडियम की इमारत लगभग 32 वर्ष पुरानी है। स्टेडियम की मुख्य इमारत बिल्कुल जर्जर अवस्था में है। इमारत की एक ओर की दीवार तेज हवा के कारण गिर चुकी है और शेष इमारत भी खस्ता हालत में है। इमारत में जगह-जगह दरारें साफ देखी जा सकती हैं। इमारत के जीने को गेट लगाकर बन्द कर दिया गया है ताकि किसी भी हादसे से बचा जा सके, लेकिन इमारत के निचले हिस्से का उपयोग अभी भी किया जा रहा है। स्टेडियम की यह जर्जर बिल्डिंग कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
जिला मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर स्पोर्ट्स स्टेडियम है। स्टेडियम में कई खेलों के कोच भी हैं, जो खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देते हैं। स्टेडियम की इमारत लगभग 32 वर्ष पुरानी है। स्टेडियम की मुख्य इमारत बिल्कुल जर्जर अवस्था में है। इमारत की एक ओर की दीवार तेज हवा के कारण गिर चुकी है और शेष इमारत भी खस्ता हालत में है। इमारत में जगह-जगह दरारें साफ देखी जा सकती हैं। इमारत के जीने को गेट लगाकर बन्द कर दिया गया है ताकि किसी भी हादसे से बचा जा सके, लेकिन इमारत के निचले हिस्से का उपयोग अभी भी किया जा रहा है। स्टेडियम की यह जर्जर बिल्डिंग कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
सिर्फ टीम शेड डलवाया गया
इस संबंध में जिला क्रीड़ा अधिकारी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि इस जर्जर इमारत की मरम्मत और टीन शेड डालने के लिए लगभग तीन वर्ष पहले तत्कालीन जिलाधिकारी ने 10 लाख रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन 10 लाख रुपये में केवल टीन शेड डालकर ही छोड़ दिया गया था। हालांकि विभाग से इस इमारत के लिए वजट को लिखा जा चुका है लेकिन अभी तक वजट नहीं मिला है।
इस संबंध में जिला क्रीड़ा अधिकारी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि इस जर्जर इमारत की मरम्मत और टीन शेड डालने के लिए लगभग तीन वर्ष पहले तत्कालीन जिलाधिकारी ने 10 लाख रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन 10 लाख रुपये में केवल टीन शेड डालकर ही छोड़ दिया गया था। हालांकि विभाग से इस इमारत के लिए वजट को लिखा जा चुका है लेकिन अभी तक वजट नहीं मिला है।
सैकड़ों बच्चे आते हैं अभ्यास करने
बता दें कि इस स्पोर्ट्स स्टेडियम में सैकड़ों की संख्या में बच्चे विभिन्न खेलों के अभ्यास के लिए आते हैं, लेकिन स्टेडियम की जर्जर इमारत और जिम्मेदारों की इस ओर की लापरवाही किसी भी दिन इन खिलाड़ियों की जान जोखिम में डाल सकती है।
बता दें कि इस स्पोर्ट्स स्टेडियम में सैकड़ों की संख्या में बच्चे विभिन्न खेलों के अभ्यास के लिए आते हैं, लेकिन स्टेडियम की जर्जर इमारत और जिम्मेदारों की इस ओर की लापरवाही किसी भी दिन इन खिलाड़ियों की जान जोखिम में डाल सकती है।