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बजट 2018: अब किसानों के लिए कर्ज लेना होगा आसान, बतौर कृषि कर्ज 11 लाख करोड़ जारी करने का ऐलान

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि 2022 तक उनकी आमदनी दोगुनी करने के लिए बतौर कृषि कर्ज 11 लाख करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे।

Feb 01, 2018 / 05:07 pm

Dhirendra

नई दिल्‍ली. पीएम मोदी की सरकार के इस कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसानों के कर्ज को इस वर्ष के बजट में आसान बना दिया है। किसानों के कर्ज के लिए बजट में 11 लाख करोड़ रुपए जारी करने का ऐलान किया हैा उन्होंने बजट भाषण में कहा है कि देश को भरोसा दिलाया कि खेती की नीति के तहत साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करनी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य डेढ़ गुना बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। इसके साथ ही किसानों की अर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने व संपन्‍नता की राह पर आगे बढ़ाने के लिए उन्‍होंने कृषि संपदा योजना का भी ऐलान किया है। कृषि उत्‍पादों को बाजार में खपाने एवं उन्‍हीं अपने उत्‍पाद का उचित मूल्‍य दिलाने के लिए देश भर में 42 मेगा फूड पार्क बनाए जाएंगे। किसानों को पशुपालक कार्ड भी मिलेगा।
बांस मिशन के लिए 1290 करोड़
1290 करोड़ रुपए की मदद से बांस मिशन चलाया जाएगा। इससे उत्‍तर-पूर्व भारत के किसानों को काफी लाभ मिलेगा। खासकर पूर्वी भारत में सात राज्‍यों को। ऐसा इसलिए कि वहां पर बांस का उत्‍पादन बहुत होता है और असम, नागालैंड, मेघालय में बांस का उत्‍पादन बड़े पैमाने पर होता है। अब बांस को बन क्षेत्र से अलग किया जाएगा तथा उसके व्‍यावसायिक उत्‍पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
आलू, टमाटर और प्‍याज के लिए 500 करोड़ का फंड
हर साल सब्जियों के ऑफ सीजन में केन्‍द्र और राज्‍य सरकारों को आलू, प्‍याज और टमाटर के मूल्‍यों में बेतहाशा वृद्धि की मार झेलनी पड़ती है। इन सब्जिलयों का दाम बढ़ने से लोगों में सरकार के खिलाफ असंतोष को बढ़ावा मिलता है। जिसका सीधा असर केन्‍द्र सरकार पर पड़ता है। जबकि ये सभी उत्‍पाद राज्‍य सूची के विषयों से जुड़े हैं। इसलिए सरकार ने आलू, टमाटर और प्‍याज के लिए 500 करोड़ रुपए का अगल से फंड बनाने की घोषणा की है।
किसानों के लिए बनेगा ई-नैम बाजार
नए बजट में नया ग्रामीण बाजार ई-नैम बनाने का प्रस्‍ताव है। इस बाजार को किसानों के लिए 2 हजार करोड़ की लागत से देश भर में विकसित किया जाएगा। वित्‍त मंत्री ने कहा कि अनाज का उत्पादन बढ़कर 217.5 टन हो गया है और किसान, गरीबों की आय बढ़ी है। फलों का उत्पादन 30 टन हुआ है। खरीफ का समर्थन मूल्य उत्पादन लागत से डेढ़ गुना हुआ है। किसानों को पूरा एमएसपी देने की कोशिश जारी है।
मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट
आपको बता दूं मोदी सरकार के आखिरी पूर्ण बजट है। इस बजट में किसान, मिडिल क्लास, युवा और कई तबकों के लोग सरकार से राहत की अच्‍छी उम्‍मीद है। इस बजट से लोग टैक्स के मोर्चे पर कुछ राहत मिलने की आस लगाए हुए हैं। यह बजट लोकसभा चुनाव 2019 में मोदी सरकार का भविष्‍य भी तय करेगा। इसलिए सरकार ने भी बजट को उसी के अनुरूप तैयार किया है। साथ ही इस बार उम्मीद है कि मोदी सरकार टैक्स छूट की सीमा बढ़ा सकती है।

 

खेती की नीति के तहत साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करनी है। बिचौलिए पर लगाम से भ्रष्टाचार पर
आठ करोड़ घरों को गैस कनेक्‍शन
चार करोड़ गरीबों को बिजली कनेक्‍शन देंगे
छह करोड़ शौचालय बनाए जा चुके हैं दो करोड़ शौचालय और बनाए जाएंगे

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हमारा फोकस गांवों के विकास पर होगा। लोगों के जीवन में सरकारी दखल कम हो रहा है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में बजट पेश किया. कहा गरीबी दूर करके मजबूत भारत बनाएंगे।
देश के आम नागरिक के जीवन को आसान बनाया जा रहा है। वहीं विदेशी निवेश में भी बढ़ोत्तरी हुई है।
मोदी सरकार के आखिरी पूर्ण बजट में मिडिल क्लास और कई तबकों को अच्छी खबरों की उम्मीद है. इस बजट से लोग टैक्स के मोर्चे पर कुछ राहत मिलने की आस लगाए हुए हैं। मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट आज पेश होने में आधे घंटे से कम का वक्त बचा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली सुबह 11 बजे संसद में बजट भाषण पढ़ना शुरु करेंगे. मोदी सरकार का ये आखिरी पूर्ण बजट है, क्योंकि लोकसभा चुनाव 2019 में होने वाले हैं। इस बार बजट में राहत मिलने वाली है या फिर बोझ और ज्यादा बढ़ने वाला है, इसको लेकर लोग कयास लगा रहे हैं. वहीं इस बार उम्मीद है कि मोदी सरकार टैक्स छूट की सीमा बढ़ा सकती है.

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