80 सी के तहत 1.5 लाख की छूट –
घर खरीदारों को ब्याज चुकाने के अलावा मूल धन पर भी आयकर की धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपए की छूट मिलती है। इससे पहले भी सरकार ने घर की बिक्री बढ़ाने के लिए प्रॉपर्टी की कीमत और स्टाम्प ड्यूटी में 20 फीसदी तक के अंतर को मंजूरी प्रदान की है। यह सीमा दो करोड़ रुपए तक की प्रॉपर्टी के लिए है। इससे घर का सपना पूरा हो सकेगा।
सभी को घर देने का लक्ष्य-
सभी के लिए सस्ता घर सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वित्तमंत्री ने होम लोन ब्याज पर मिलने वाली छूट को एक और अतिरिक्त वर्ष के लिए के लिए बढ़ाया है। गौरतलब है कि कोरोना संकट से पहले भी कई ऐसे फैक्टर रहे, जिनसे रियल एस्टेट सेक्टर दबाव में था। अब घरों की बिक्री बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर को पटरी पर लौटने में भी मदद मिलेगी।
कम होगा ईएमआइ का बोझ-
प्रॉपर्टी विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर कोई घर खरीदार 45 लाख रुपए तक की कीमत का घर खरीदता है और 40 लाख रुपए का लोन लेता है, तो उसे साल के दौरान ब्याज की पूरी रकम पर छूट मिलेगी। अगर घर खरीदार 20 फीसदी के टैक्स स्लैब में आता है, तो इस छूट के बाद प्रभावी ब्याज दर 7 फीसदी से घटकर 5 फीसदी पर आ जाएगी। जहां तक ईएमआइ का सवाल है, तो नई छूट के बाद 40 लाख रुपए के लोन पर मासिक किस्त करीब 26,000 रुपए बैठेगी।