बुलंदशहर के सिकंदराबाद में एक ऐसा भी मंदिर है जिस मंदिर में कुत्ते की कब्र बनी हुई है। वैसे तो ये मंदिर लाटूरिया बाबा का है, लेकिन इसे पहचाना जाता है कुत्ते की कब्र के नाम से, क्योंकि इस मंदिर में बाबा लाटूरिया की समाधि के साथ, कुत्ते की कब्र भी बनी हुई है। इस मंदिर को लेकर लोगों में इतनी मान्यता है, कि ना सिर्फ बुलंदशहर, बल्कि दूर दराज बसे अलग-अलग शहरों से भी त्योहारों पर लोग, सिकंदराबाद सिर्फ इस मंदिर दर्शन करने आते हैं।
अगर मंदिर में श्रद्धा रखने वाले श्रद्धालुओं की माने तो जो अपनी मुरादें लेकर लोग इस मंदिर में पहुंचते हैं वो पूरी हो जाती हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक सैंकड़ों साल पहले यहां एक बाबा रहते थे, नाम था बाबा लाटूरिया, बाबा के साथ उनका वफादार कुत्ता था, जो हर पल बाबा के साथ रहता था, और फिर एक रोज़ बाबा शरीर छोड़ गए। बाबा की समाधि की तैयार की ही जा रही थी कि कुत्ता भी उसमें कूद गया, कुत्ते को बमुश्किल समाधि से बाहर निकाला गया, लेकिन दावा किया जाता है कि उसके बाद चन्द घण्टे कुत्ता मर गया और उसकी भी मौत हो गई, जिसके बाद बाबा की समाधि के पास ही कुत्ते की भी कब्र बनाई गई।
दावा किया जाता है कि इस मंदिर में कुत्ते कब्र के दिल्ली सहित कई बड़े शहरों से लोग दर्शन के लिए आते हैं, जबकि दावा तो यहां तक किया जाता है कि त्योहारों पर तो इस मंदिर पर मेले जैसी स्तिथि बन जाती है। लेकिन सबसे बड़ी बात हमें यहां ये देखने को मिली कि भारत में शायद ही कोई दूसरा ऐसा मंदिर हो, जिसमे कुत्ते की कब्र बनी हो ?