7 साल बाद इस मामले में कोर्ट ने 4 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही आरोपियों पर पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना और मुख्य आरोपी पर अतिरिक्त 30 हजार के जुर्माना ऐडीजे पल्लवी अग्रवाल ने लगाया है।
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के भाटगढ़ी गांव की रहने वाली महविश ने अपने पड़ोसी गांव अडोली के अब्दुल हकीम से प्रेम विवाह किया था। आरोप था कि जाति-बिरादरी के कारण परिवार के लोग महविश की जान के दुश्मन बन गए थे और उसको जान बचाने के लिए इधर-उधर भागना पड़ा। इसके बाद वह आमिर खान के शो सत्यमेव जयते में पहुंची। वहां पीड़िता ने अपना दुखड़ा भी सुनाया।
2010 में शादी के बाद 2012 में वह अपने पति के गांव अडोली में आकर रहने लगी। 22 नवंबर 2012 को 5 लोगों ने मिलकर अब्दुल हकीम को गोली मार दी। बताया गया कि अब्दुल हकीम की हत्या प्रेम विवाह करने के कारण की गई थी, क्योंकि अब्दुल हकीम नीची जाति का था और महविश ऊंची जाति की थी और यह कुछ लोगों को पसंद नहीं था।
2012 में हुए इस हत्याकांड के बाद 5 लोगों को अब्दुल हकीम की हत्या में नामजद किया गया। नामजद में सलमान, गुल्लू, आसिफ व मलिक के अलावा एक नाबालिग भी नामजद किया गया था। नाबालिग आरोपी का मुकदमा आज भी जुवेनाइल कोर्ट में विचाराधीन है। वहीं चार आरोपियों का मुकदमा एडीजे कोर्ट नवम में विचाराधीन था।
सबूत व गवाहों के आधार पर एडीजे कोर्ट की न्यायाधीश पल्लवी अग्रवाल ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही चारों आरोपियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना व मुख्य आरोपी 30 हजार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया है। हालांकि अब भी आरोपी खुद को बेगुनाह बता रहे हैं।