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इस दौरान शाही ने कहा कि प्रदेश का बुलंदशहर प्रदेश का एक अग्रणी एवं कृषि प्रधान जनपद है। दुग्ध उत्पादन में देश का प्रथम जनपद है, जो किसानों की आय में वृद्धि करता है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में किसानों के ऋण माफ किये जाने का एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया। बुलन्दशहर में हजारों किसानों का ऋण मोचन योजना के अन्तर्गत ऋण माफ किये गये, जो किसान पात्रता सूची में है और ऋण मोचन से वंचित रह गये हैं । उन्हें शीघ्र योजना का लाभ दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि निर्णय पिछली सरकारों में किसानों के हितों के लिए नहीं लिया गया। ऋण मोचन योजना में सरकार ने बिना किसी भेदभाव, जाति-धर्म के प्रत्येक पात्र किसान का ऋण माफ करने कार्य किया है। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा किसानों को जो प्रमाणित बीज तीन वर्षों में एक बार मिलता था। अब उसकी अवधि घटाकर दो वर्ष कर दी गई है।
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80 प्रतिशत अनुदान पर बीज वितरण का कार्य किया गया
उन्होंने कहा कि कृषि विभाग का हर कार्य आॅनलाइन करते हुए अनुदान की राशि सीधे किसानों के खाते में भेजने की व्यवस्था की गई है। किसानों को समृद्धशाली बताते हुए कहा कि जनपद बुलन्दशहर हरियाणा प्रदेश के नजदीक है और हरियाणा से अच्छी उपजाऊ जमीन है। अतः बुलन्दशहर के किसान यदि कृषि कार्यो में वैज्ञानिकों द्वारा दिये गये सुझावों के अनुसार खेती का कार्य करना शुरू कर दें तो देश में उत्पादन में यह पहला जनपद होगा। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सरकार में खाद बीज की उपलब्धता में कोई कमी नहीं। उन्होंने कहा कि हम उत्पादन में वृद्धि के प्रयास कर रहे हैं और इस उत्पादन की बिक्री के लिए बाजारों को भी विकसित किया जा रहा है।
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कृषि मंत्री ने गेहूँ खरीद का जिक्र करते हुए कहा कि जनपद में 58 लाख मैट्रिक टन गेहूँ की खरीद की जा चुकी है। किसानों को गेहूँ की कीमत 4 दिन के अन्दर खातों में भेजी जा रही है। उन्होंने कहा कि दिसम्बर 2018 तक किसानों की खेतों की मिट्टी के नमूने लेकर मृदा परीक्षण कार्ड वितरित कर दिये जायेंगे। इस दौरान उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को यह भी चेतावनी दी कि यदि मृदा परीक्षण के कार्ड 31 दिसम्बर 2018 तक वितरित नहीं किये गये तो वह अधिकारी एवं कर्मी अपने पद पर नहीं रह पायेगा। इससे पूर्व कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही द्वारा कृषि विद्यालय के प्रांगण में किसानों के प्रशिक्षण के लिए 18.83 करोड की धनराशि से छात्रावास निर्माण के लिए मंत्रोचार के साथ भूमि पूजन के उपरान्त शिलान्यास किया गया।