scriptअयोध्या में हिंदुओं के जमावड़े के बीच यूपी के इस शहर में दुनियाभर से जुटेंगे लाखों मुसलमान | Alami Ijtima will be held on 1,2 And 3 of December in Bulandshaha | Patrika News

अयोध्या में हिंदुओं के जमावड़े के बीच यूपी के इस शहर में दुनियाभर से जुटेंगे लाखों मुसलमान

locationबुलंदशहरPublished: Nov 24, 2018 07:06:29 pm

Submitted by:

Iftekhar

बाबरी मस्जिद गिराने की बरसी से पहले तीन दिन तक चलेगा मुसलमानों का संगम

Ijtima File photo

अयोध्या में हिंदुओं के जमावड़े के बीच यूपी के इस शहर में दुनियाभर के लाखों मुसलमान को जुटाने की चल रही तैयारी

बुलंदशहर. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हजारों रामभक्त अयोध्या पहुंच रहे हैं। बाबरी मस्जिद गिराने की बरसी से पहले बड़ी संख्या में हिन्दुओं के अयोध्या पहुंचने से जहां लोगों के मन में फिर किसी अनहोनी की आशंका घर कर रही है। वहीं, इस बीच बुलंदशहर के अकबरपुर में देश और दुनिया में शांति की दुआ के लिए होने वाले मुसलमानों के आलमी इज्तिमा की तैयारी जोर शोर से चल रही है। इस इजतिमा में दुनियाभर से लाखों मुसलमानों के पहुंचने की संभावना है। यहां आने वालों मुसलमानों की संख्या को मक्का के बाद दूसरे नम्बर का मुसलमानों का जमावड़ा माना जा रहा है। एनएच 91 पर अकबरपुर और दरियीपुर समेत कई गांवों की जमीन पर लगभग 1000 बीघे के मैदान में इस वैश्विक इज्तिमा के आयोजन के लिए तेजी से काम चल रहा है। इसकी तैयारी में पिछले डेढ़ महीने से करीब एक से डेढ़ हजार लोग हर दिन काम कर रहे हैं। खास बात ये है कि इस आयोजन में एक भी मजदूर को नहीं लगाया गया है। सभी लोग मुफ्त में अपनी सेवा दे रहे हैं। गौरतलब है कि इज्तिमा में बेहतरीन बैठने के इंतजामात, शानदार और वसी (विशाल) तात्तकालिक मस्जिद, उम्दा वज़ू खाने, पीने का साफ़ पानी, साफ़ सुथरे शौचालय व इस्तंजा खानों के निर्माण और सर्दी-बारिश से बचने के लिए दिलकश और आकर्षक तम्बू टेंट का बहतरीन इंतज़ाम आलमी इज्तिमा की पुरकशिश और काबिले हैरत कहानी बयान कर रही है। दरअसल, बुलन्दशहर जिले में 1,2 और 3 दिसंबर को एतिहासिक तीन दिवसीय तबलीगी इज्तिमा होने जा रहा है, जिसकी तेयारियां जोरों पर है। हजारों पुरजोश नौजवान दिन-रात इज्तिमा की तेयारियों में लगे हुए हैं और पुरे मुल्क और दुसरे देशों से आने वाली जमातों व महमानों के इस्तकबाल में कोई कोर कसर बाक़ी छोड़ना नहीं चाहते। गौरतलब है कि इस इज्तिमा में मुसलमानों को इस्लाम धर्म के शांतिपूर्ण शिक्षा देने के साथ ही देश और दुनिया में अमन के लिए दुआएं भी मांगी जाती है।

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इज्तिमागाह में आने वाले लाखों लोगों की सहूिलयत के लिहाज़ से हर बिमारी और अनहोनी से बचने के लिए दवाखाने, डिस्पेंसरियां भी कायम किये गए हैं। साथ ही इज्तिमागाह में कुतुबखाने, पंसारी की दुकानें व कपड़े आदि सहित इज्तिमा के हवाले से ज़रूरियात-ए-ज़िन्दगी का हर सामान सस्ता और बहतर मुहैया कराने के लिए स्वंय सेवी संस्थाएं और रज़ाकार अपने कैम्प लगाए हुए हैं। ताकि किसी भी आदमी को किसी चीज़ को लेने के लिए कहीं दूर जाना न पड़े। बता दें कि इज्तिमागाह में तत्कालिक तौर पर थाने का भी निर्माण किया गया है, ताकि शरारती तत्वों के किसी भी हरकत को वक्त रहते ही नाकाम किया जा सके।

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बता दें कि इस आलमी इज्तिमा में लाखों अकीदतमंदों के आने की बात इंतजामिया की जानिब से कही जा रही है। इज्तिमा में तबलीगी जमाअत के मौजूदा मुखिया मौलाना साद साहब के आने की भी संभावना जताई जा रही है। गौरतलब है कि तबलीगी जमाअत का काम मौलाना इलियास रहमतुल्लाहिअलैह ने 1926 में शुरू किया था। 1944 में उनके इंतकाल के बाद मौलान यूसुफ़ ररहमतुल्लाहिअलैह ने इसकी बागडोर संभाली। उन्होंने इस ज़िम्मेदारी को बखूबी निभाया, जिससे तबलीगी जमाअतों का आना-जाना शुरू हो गया। 1965 में उनके इंतकाल के बाद मौलाना इनामुल हसन के कांधों पर इस अहम काम की ज़िम्मेदारी आई और उन्होंने भी पूरी लगन और मेहनत से इस काम को बखूबी अंजाम दिया। मगर 1995 में उनके इंतकाल के बाद से इस तबलीगी काम की ज़िम्मेदारी को मौलाना साद साहब अंजाम दे रहे हैं, जो आज भी पूरी दुनिया में पूरे जोर शोर से जारी है।
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