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यूपी के इस शहर में दिखेगा काबा जैसा नजारा, दुनियाभर से जुटेंगे लाखों मुसलमान

locationबुलंदशहरPublished: Nov 22, 2018 07:04:07 pm

Submitted by:

Iftekhar

एनएच 91 पर लगभग 1000 पीघे के मैदान में इस वैश्विक इज्तिमा के आयोजन के लिए तेजी से चल रहा है काम

Tablighi Ijtema

यूपी के इस शहर में दिखेगा काबा जैसा नजारा, दुनियाभर से जुटेंगे लाखों मुसलमान

बुलन्दशहर. जिले में 1,2 और 3 दिसंबर को एतिहासिक तीन दिवसीय तबलीगी इज्तिमा होने जा रहा है, जिसकी तेयारियां जोरों पर है। हजारों पुरजोश नौजवान दिन-रात इज्तिमा की तेयारियों में लगे हुए हैं और पुरे मुल्क और दुसरे देशों से आने वाली जमातों व महमानों के इस्तकबाल में कोई कोर कसर बाक़ी छोड़ना नहीं चाहते। एनएच 91 पर अकबरपुर और दरियीपुर समेत कई गांवों की जमीन पर लगभग 1000 पीघे के मैदान में इस वैश्विक इज्तिमा का आयोजन के लिए तेजी से काम चल रहा है। इसकी तैयारी में पिछले डेढ़ महीने से करीब एक से डेढ़ हजार लोग हर दिन काम कर रहे हैं। खास बात ये है कि इस आयोजन में एक भी मजदूर को नहीं लगाया गया है। सभी लोग मुफ्त में अपनी सेवा दे रहे हैं। गौरतलब है कि इज्तिमा में बहतरीन बैठने के इंतजामात, शानदार और वसी (विशाल) तात्तकालिक मस्जिद, उम्दा वज़ू खाने, पीने का साफ़ पानी, साफ़ सुथरे शौचालय व इस्तंजा खानों के निर्माण और सर्दी-बारिश से बचने के लिए दिलकश और आकर्षक तम्बू टेंट का बहतरीन इंतज़ाम आलमी इज्तिमा की पुरकशिश और काबिले हैरत कहानी बयान कर रही है।

 

सिर्फ इतना ही नहीं इज्तिमागाह में आने वाले लाखों लोगों की सहूिलयत के लिहाज़ से हर बिमारी और अनहोनी से बचने के लिए दवाखाने, डिस्पेंसरियां भी कायम किये गए हैं। साथ ही इज्तिमागाह में कुतुबखाने, पंसारी की दुकानें व कपड़े आदि सहित इज्तिमा के हवाले से ज़रूरियात-ए-ज़िन्दगी का हर सामान सस्ता और बहतर मुहैया कराने के लिए स्वंय सेवी संस्थाएं और रज़ाकार अपने कैम्प लगाए हुए हैं। ताकि किसी भी आदमी को किसी चीज़ को लेने के लिए कहीं दूर जाना न पड़े। बता दें कि इज्तिमागाह में तत्कालिक तौर पर थाने का भी निर्माण किया गया है, ताकि शरारती तत्वों के किसी भी हरकत को वक्त रहते ही नाकाम किया जा सके।


बता दें कि इस आलमी इज्तिमा में लाखों अकीदतमंदों के आने की बात इंतजामिया की जानिब से कही जा रही है। इज्तिमा में तबलीगी जमाअत के मौजूदा सरबराह मौलाना साद साहब की तशरीफ़ आवरी की भी संभावना भी जताई जा रही है। गौरतलब है कि तबलीगी जमाअत का काम मौलाना इलियास रहमतुल्लाहिअलैह ने 1926 में शुरू किया था। 1944 में उनके इंतकाल के बाद मौलान यूसुफ़ ररहमतुल्लाहिअलैह ने इसकी बागडोर संभाली। उन्होंने इस ज़िम्मेदारी को बखूबी निभाया, जिससे तबलीगी जमाअतों का आना-जाना शुरू हो गया। 1965 में उनके इंतकाल के बाद मौलाना इनामुल हसन के कांधों पर इस अहम काम की ज़िम्मेदारी आई और उन्होंने भी पूरी लगन और मेहनत से इस काम को बखूबी अंजाम दिया। मगर 1995 में उनके इंतकाल के बाद से इस तबलीगी काम की ज़िम्मेदारी को मौलाना साद साहब अंजाम दे रहे हैं, जो आज भी पूरी दुनिया में पूरे जोर शोर से जारी है।

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