scriptअजब-गजबः इस कब्र से सीधे जिन्नातों की मंदिर तक जाता है रास्ता | Amazing: A way is going to Jinnats temple through a grave | Patrika News

अजब-गजबः इस कब्र से सीधे जिन्नातों की मंदिर तक जाता है रास्ता

locationबुलंदशहरPublished: Jan 12, 2018 09:55:52 pm

Submitted by:

Iftekhar

भूकंप और आधी तूफान में भी नहीं हिलते हैं ये खम्भे

Bulandshahar

बुलंदशहर. एक निमार्ण जो आज से एक हजार साल पहले शुरू हुआ, लेकिन आज भी अधुरा है । यहां रात में आदमी आज भी जाने से डरता है। कहा जाता है कि यहां से जिन्नातों के मंदिर तक रास्ता जाता है। लोगों बताते हैं कि एक महिला की कब्र एक रात अचानक से अपने स्थान से हट गई और जमीन के नीचे रास्ता था। जानिए आखिर क्या है इस कहानी की हकीकत…

भूत-प्रेतों और जिन्नतों के बारे में जानने और उसे समझने की उत्सुकता आज भी कायम है। हम आप को आज ऐसी ही एक रहस्यमयी इमारत के बारे में बताने जा रहे है, जिसके बारे में कहा जाता हैं कि इस का निर्माण करीब एक हजार साल पहले शुरू हुआ था, लेकिन आज भी अधूरा है।

दिल्ली से 84 किली मीटर दूर हैं बारहखम्भा
दिल्ली से महज 84 किली मीटर दर बुलदंशहर का छोटा सा कस्बा शिकारपुर है। यहां पर स्थित है बारहखम्भा। यह वही ऐतिहासिक इमारत बारखम्भा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इस इमारत का निर्माण जिन्नातों ने शुरू किया, लेकिन पूरा नहीं कर पाए।

bulandhshar
 

16 पिलर हैं और ‘खन’ 12
बारखम्भा में 16 पिलर हैं, लेकिन ‘खन’ 12 हैं। ‘खन’ उर्द का शब्द है। इसका हिन्दी में अर्थ है दरवाजा। यानी बारखम्भों में 12 दरवाजे हैं। इस की खासियत यह है कि आप इसे जिस भी तरफ से देखेंगे। आपको 12 दरवाजे ही दिखाई देंगे।
यह हैं बारहखम्भा का रहस्य
शिकारपुर के लोगों की ऐसी मान्यता है कि आज से एक हजार साल पहले एक रात जिन्नातों ने यहां आकर निर्माण शुरू किया था। इस निर्माण को जिन्नात जब तक पूरा करते, कहीं दूर से एक चक्की चलने की आवज उन्हें सुनाई दी। उन्हें लोगों के जागने का आभास हुआ तो जिन्नात उस निर्माण को बीच में छोड़कर वहां से चले गए। जब से यह निर्माण आज भी अधूरा पड़ा हुआ है। लोगों ने यह भी बताया कि जिस महिला ने चक्की चलाई थी, जिन्नातों ने उस महिला को यहां जिन्दा लाकर दफन कर दिया था।
इस कब्र से जाता है जिन्नातों के मंदिर तक रास्ता
कहा जाता है कि जिस महिला को जिन्नातों ने यहां लाकर दफन किया था उसकी कब्र से जिन्नातों के मंदिर तक रास्ता जाता है। लोगों में ऐसी मान्यता है कि यह कब्र एक रात अचानक से अपने स्थान से हट गई। जब लोगों ने जाकर देखा तो यहां सांप और एक जमीन के नीचे रास्ता जा रहा था। कहा जाता है कि कुछ लोगों ने हिम्मत दिखाकर इस की सच्चाई जानने की कोशिश की पर वह लापता हो गए और कब्र का रास्ता एक दिन अचानक से बंद हो गया।
bulandhshar
 

बारहखम्भों की यह है खासियत
बारहखम्भों की खासियत यह है कि यह एक के ऊपर एक इस प्रकार से रखे हुए हैं कि यह गिर नहीं सकते। भूकंप, आधी तूफान में भी ये खम्भे नहीं हिले। साथ ही कई बार लोगों ने इस खम्भों पर छत भी बनाने की कोशिश की, लेकिन कभी भी छत नहीं बना पाए। जब भी छत का निर्माण हुआ तो छत अपने आप गिर गई। कई बार तो बनने के साथ ही गिर गई और बनाने वाले भी गायब हो गए। कुछ के ऊपर हवा या जिन्नातों का कहर भी टूटा। कहा जाता है कि जिन्नातों से माफी मिन्नतें मांगने के बाद ही कारीगरों की हालत सही हो पाई। आज भी बारहखम्भों का रहस्य एक रहस्य की बना हुआ है। लोग वहां जाते हैं और उसके बारे में जानने की कोशिश भी करते हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो