scriptबुलंदशहर हिंसा के आरोपी जीतू फौजी को सौंपने से पहले सेना ने पुलिस से हसिल किए संलिप्तता के सभी सबूत | Army investigate in deep way before hand over army jawan jeetu | Patrika News

बुलंदशहर हिंसा के आरोपी जीतू फौजी को सौंपने से पहले सेना ने पुलिस से हसिल किए संलिप्तता के सभी सबूत

locationबुलंदशहरPublished: Dec 10, 2018 06:38:57 pm

Submitted by:

Iftekhar

इन सवालों के जवाब हासिल करने के बाद सेना ने अपने जवान को किया पुलिस के हवाले

jeetu Fauji

बुलंदशहर हिंसा के आरोपी जीतू फौजी को सौंपने से पहले सेना ने पुलिस से हसिल किए संलिप्तता के सभी सबूत

बुलंदशहर. बुलंदशहर हिंसा और इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मामले में आरोपी सेना के जवान जीतू फौजी को गिरफ्तार करने के लिए जम्मू-कश्मीर पहुंची पुलिस को दो दिन तक नाकों चने चबाने पड़े। सेना ने उसे पुलिस को सौंपने से पहले उसकी संलिप्तता के सबूत मांगे। जब पुलिस ने घटना स्थल के वीडियो सेना के अफसरों को दिखाए और उसकी फोन के लोकेशन की स्थित सबूत के तौर पर दिए। इसके बाद मामले को आर्मी चीफ के संज्ञान में लाकर जवान को पुलिस (एसटीएफ) के हवाले किया गया। तब जाकर सेना जीतू को पुलिस के हवाले करने को राजी हुई। इसके साथ ही पुलिस से यह वचन भी लिया गया कि उसके खिलाफ कोई गलत कार्रवाई नहीं होगी।

बड़ी खबरः बुलंदशहर में इंस्पेक्टर को गोली मारने के आरोप में गिरफ्तार सेना के जवान को भेजा गया जेल

बताया जाता है कि जो वीडियो सेना को दिखाई गई थी,उसमें पहले जब गांव में गौवंश के शव मिले थे, तब भी वह वही था। उसके बाद वह भीड़ के साथ चिंगरावठी चौकी पहुंचा और हंगामा किया। एक और वीडियो भी दिखाया गया, जिसमें जितेंद्र गौवंश के अवशेषों से भरे ट्रैक्टर पर साफ नजर आ रहा था। सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ की ओर से सेना के अधिकारियों को 100 से ज्यादा वीडियो फुटेज सबूत के तौर पर दिखाए गए। इतना ही नहीं उसकी कॉल डिटेल और वह सारे सबूत दिखाए गए, जिससे यह साबित हुआ कि जितेंद्र हिंसा वाले दिन वहीं था, तब जाकर आर्मी ने जितेंद्र को पुलिस के हवाले किया। इतना कुछ करने बाद ही सेना के अधिकारियों के साथ एसटीएफ की टीम जितेंद्र फौजी को लेकर मेरठ पहुंची, जहां शनीवार को तकरीबन आधी रात 12.50 बजे सेना ने जितेंद्र को एसटीएफ के हवाले कर दिया और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल, जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी को कोर्ट के आदेश के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

बुलंदशहर हिंसा के बहाने PM मोदी के इस फायर ब्रांड महिला मंत्री ने इज्‍तिमा पर दिया चौंकाने वाला बयान

गौरतलब है कि हिंसा के बाद जितेंद्र ने कश्मीर जाकर ड्यूटी जॉइन कर ली थी। वीडियो से खुलासा होने के बाद एसटीएफ की टीम उसे लेने जम्मू-कश्मीर पहुंची। इस दौरान उनकी दो दिन तक सेना के अफसरों से उसे गिरफ्तार करने की बात चलती रही। सूत्रों के मुताबिक, जीतू को लेकर सेना की तरफ से जम्मू-कश्मीर से लेकर मेरठ में एसटीएफ को सौंपे जाने तक हर कदम पर पूरी सावधानी बरती गई। जम्मू में सेना ने पहले वॉरंट मांगा और दूसरे सबूत चाहे। इसके जवाब में पुलिस गोली मारने में सीधे तौर पर जीतू के खिलाफ सेना के अफसरों को सबूत नहीं दिखा सकी। बाद में तय हुआ कि मेरठ में सेना का बड़ा सेंटर है। सेना की टुकड़ी जम्मू से जीतू को लेकर जाएगी। वहां सीनियर अफसरों से चर्चा के बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा। इसके बाद शनिवार को सेना के दो अधिकारियों के साथ एसटीएफ की टीम जितेंद्र फौजी को लेकर मेरठ पहुंची, जहां रात तकरीबन आधी रात 12.50 बजे सेना ने जितेंद्र को एसटीएफ के हवाले कर दिया और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, सूत्र बताते हैं कि अभी तक की जांच में ये साफ नहीं हो पाया है कि जितेंद्र ने इंस्पेक्टर को गोली मारी या नहीं। वहीं, पुलिस का कहना है कि जांच जारी है। बिना जांच के किसी के खिलाफ अन्यायपूर्ण कार्रवाई नहीं की जाएगी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो