scriptबुलंदशहर के मुस्लिम कारीगरों के हाथों से बने दीपों से जगमगाएगी अयोध्या नगरी | Ayodhya will be brighten by Muslim made lamps on this Diwali | Patrika News

बुलंदशहर के मुस्लिम कारीगरों के हाथों से बने दीपों से जगमगाएगी अयोध्या नगरी

locationबुलंदशहरPublished: Oct 16, 2017 07:28:03 pm

Submitted by:

Iftekhar

अयोध्या में सरयू नदी पर होने वाले दीपावली महाआयोजन के लिए भी लाखों की संख्या में मिटटी के दीपक इस बार बुलंदशहर से जाएंगे

Diya

सतना. मिट्टी के समानों की मांग बढ़ते ही कुम्हार के चाक ने पकड़ी रफ्तार। दीपावली के त्यौहार में अच्छे मुनाफे की उम्मीद जगी हुई है।

बुलंदशहर. दीपों का त्योहार दीपावली के नजदीक आते ही बुलंदशहर के मुस्लिम शिल्पियों ने दीपावली के लिए मिट्टी के दीपकों की बड़ी खेप तैयार की है। सोने पर सुहागा यह है कि अयोध्या में सरयू नदी पर होने वाले दीपावली महाआयोजन के लिए भी लाखों की संख्या में मिटटी के दीपक इस बार बुलंदशहर से जाएंगे। इन दीपकों से अयोध्या की दीपावली रोशन होगी। साथ ही ये रोशनी देश में फैल रहे नफरत के अंधेरों को भी पाटती नजर आएगी। बता दें कि इस बार मिट्टी के दीपक तैयार करने वालों को दीपक तैयार करने का एक बड़ा ऑर्डर मिला है।

18 अक्टूबर को छोटी दिवाली है। इस दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व राज्यपाल रामनाइक अयोध्या में सरयू नदी के किनारे दीप प्रज्ज्वलित कर दिवाली मनाएंगे। इस अवसर पर सरयू नदी और उसके किनारे-किनारे मंदिर और प्राचीन भवनों को दीपक की रोशनी से जगमग करने की योजना है। इस योजना को सकार करने के लिए लाखों की संख्या में दीपको की आवश्यकता होगी। इस के लिए कार्यक्रमों के आयोजक ने आसपास के इलाकों में दीपक बनाने के ऑर्डर दिए हैं। बता दें कि कार्यक्रम के आयोजकों ने बुलंदशहर के मिट्टी के दीपक बनाने वाले शिल्पकारों से भी संपर्क साधा है। अब बुलंदशहर से भी अयोध्या में होने वाले आयोजन के लिए लाखों की संख्या में दीपक जाएंगे।

बुलंदशहर के भवन, देवीपुरा और आस-पास के गांव में अयोध्या जाने के लिए लाखों की संख्या में दीपक तैयार किए जा रहे हैं। शिल्पियों की माने तो उनके पास राजेन्द्र नाम का एक ठेकेदार आया था। उसने अयोध्या में महाआयोजन के लिए लाखों की संख्या में दीपकों की मांग की थी। इसके लिए एक परिवार 30 से 40 हजार दीपक तैयार कराए जा रहे हैं। शिल्पियों की माने तो लगभग आधा आर्डर तैयार कर लिया है। शेष दीपक रात-दिन तैयार किए जा रहे हैं। बताया कि इस दीपकों को 17 अक्टूबर की शाम तक देना हैं।

अयोध्या में बढ़ी मिट्टी के दीपक की मांग से बुलंदशहर के दीपक बनाने वाले परिवारों में खुशी का माहौल है। दीपक तो हर साल ही तैयार किए जाते थे, लेकिन बिक्री बहुत कम होती थी। लोग मिट्टी के दीपक को भूलकर चाइनीज सामान से ही दिवाली मनाना पसंद करने लगे हैं। अब जब अयोध्या से मिट्टी से बने दीपकों की मांग आई है तो उनके लिए यह दिवाली के किसी बड़े उपहार कम नहीं था।

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