scriptबड़ी खबरः बुलंदशहर में इंस्पेक्टर को गोली मारने के आरोप में गिरफ्तार सेना के जवान को भेजा गया जेल | Big News: Acuuse of Inspector subodh murder Jitu Fauji sent to jail | Patrika News

बड़ी खबरः बुलंदशहर में इंस्पेक्टर को गोली मारने के आरोप में गिरफ्तार सेना के जवान को भेजा गया जेल

locationबुलंदशहरPublished: Dec 09, 2018 07:18:58 pm

Submitted by:

Iftekhar

मामले में गिरफ्तार जीतू फौजी को कोर्ट ने भेजा 14 दिन की न्यायिक हिरासत में

jeetu

बड़ी खबरः बुलंदशर में इंस्पेक्टर को गोली मारने के आरोप में गिरफ्तार सेना के जवान के भेजा गया जाल

बुलंदशहर. स्याना में तीन दिसंबर को गोकशी को लेकर हुए बवाल में शहीद हुए कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की हत्या में आरोपित जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी को रविवार को स्पेशल मजिस्ट्रेट की अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उस पर इंस्पेक्टर सुबोध सिंह को गोली मारकर हत्या करने का आरोप है। इससे पहले सैन्य अधिकारियों ने उसे शनिवार रात 1:00 बजे नोएडा एसटीएफ के सुपुर्द कर दिया। यहां से बुलंदशहर पुलिस उसको गिरफ्तार कर स्याना कोतवाली ले आई। इस संबंध में एसटीएफ के सीओ ने मेरठ में बताया कि पूछताछ में पुलिस को अभी ऐसे कोई सुबूत नहीं मिले हैं, जिससे यह कहा जा सके कि जीतू फौजी ने ही कोतवाल की गोली मारकर हत्या की। उन्होंने कहा कि उसकी उपस्थिति की सही जानकारी हासिल करने के लिए पुलिस जीतू के मोबाइल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजेगी। जानकारी के मुताबिक बुलंदशहर पुलिस जीतू को कई किलोमीटर घुमाने के बाद पुलिस लाइन स्थित क्राइम ब्रांच कार्यालय में लेकर पहुंची है। यहां क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने कई घंटों तक उससे पूछताछ की। इसके बाद जिला अस्पताल में उसका मेडिकल कराने के बाद भारी सुरक्षा में क्राइम ब्रांच की टीम कोर्ट लेकर पहुंची । यहां सुनवाई के दौरान जीतू ने कहा कि मैं निर्दोष हूँ और पुलिस ने मुझे फंसाया है। मैं कोई भगोड़ा नही हूं और न ही मैंने गोली चलाई हैं। मैं कोई आतंकवादी भी नही हूँ, फिर भी पुलिस ने मेरे घर पर तोड़फोड़ की है। लेकिन सीजेएम फर्स्ट तारके सुरी प्रसाद ने उसकी दलीलों को खिरज करते हुए 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उसे स्पेशल मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। जहां सुनवाई के बाद सीजेएम फर्स्ट तारके सुरी प्रसाद ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

यह भी पढ़ेंः बुलंदशहर हिंसा में शहीद हुए इस्पेक्टर के परिवार को सीएम योगी ने दिया बड़ा तोहफा, परिवार ने कही यह बात

गोली मारने के साक्ष्य अभी नहीं मिले : सीओ
शनिवार रात एसटीएफ के सीओ ने मेरठ में मीडिया को दिए बयान में कहा है कि जीतू फौजी भीड़ का हिस्सा था, जिसके सबूत पुलिस को मिले हैं। लेकिन, उसने ही कोतवाल को गोली मारी इसके साक्ष्य अभी नहीं मिले हैं। एसआइटी इसकी जांच कर रही है।

मैं घटनास्थल पर था, पर गोली नहीं चलाई : जीतू
फौजी जीतू ने मेरठ में मीडिया से कहा कि वह घटनास्थल पर मौजूद था। इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या उसने नहीं की है। उसे तो पता भी नहीं था कि गोली चल गई है। सीओ एसटीएफ ने बताया कि आरोपित के विरुद्ध प्रमाण तलाशे जा रहे हैं।

यह भी पढ़ेंः बुलंदशहर हिंसा के बहाने PM मोदी के इस फायर ब्रांड महिला मंत्री ने इज्‍तिमा पर दिया चौंकाने वाला बयान

बचाव में आया भाई
बुलंदशहर हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को गोली मारने के आरोप जीतेंद्र मलिक ऊर्फ जीतू फौजी का भाई अब उसके बचाव में सामने आ गया है। इस मामले में अब जीतू के भाई ने सवाल खड़े कर दिए हैं। जीतू के भाई का कहना है कि जीतू को जिस वीडियो में पुलिस होना बता रही है वह जीतू का नहीं है। उसने एक दूसरा वीडियो दिया है, जिसमें जीतू बवाल के समय मौजूद है, लेकिन दोनों वीडियो में समानताएं दिखाई नहीं दे रही हैं। जीतू भाई धर्मेंद्र का कहना है कि जीतू 19 नवंबर से 4 दिसंबर तक छुट्टी पर आया हुआ था। वह 3 दिसंबर को घर से निकल था। क्योंकि उसे 4 दिसंबर को रिपोर्टिंग करनी थी। उसने कहा कि बुलंदशहर पुलिस के सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उसने सेना और सीएम योगी आदित्यनाथ से निष्पक्ष जांच की मांग की। धर्मेंद्र ने ये भी कहा कि पुलिस प्रशासन मुख्य आरोपी को बचाकर मेरे भाई को फंसा रही है। बता दें कि धर्मेंद्र खुद भी एक फौजी है और फिलहाल वह पुणे में तैनात है।

बुलंदशहर हिंसा के बीच इज्तिमा में मुसलमानों ने देश के लिए मांगी ऐसी दुआ, सुनकर निकल आएंगे आंसू

बुलंदशहर हिंसा में एक और अफसर पर गिरी गाज

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर स्थित स्‍याना में कथित गोकशी को लेकर हुई हिंसा के मामले में योगी सरकार ने एक और पुलिस अधिकारी पर गाज गिरा दी है। इस मामले में शनिवार को बुलंदशहर के एसएसपी कृष्ण बहादुर समेत तीन आर्इपीएस अफसरों का तबादला कर दिया गया था, जबकि रविवार को एक और आईपीएस रईस अख्तर का भी तबादला कर दिया गया। बताया जाता है कि अभी सरकार के रडार पर कई और अधिकारी है। माना जा रहा है कि जल्द ही अन्य अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।


जम्मू कश्मीर गई थी पुलिस और एसटीएफ
घटना की तह तक जाने के लिए पुलिस न्यायालय से वारंट लेकर जीतू फौजी को पकडऩे के लिए जम्मू कश्मीर गई थी, लेकिन सेना ने जीतू को इनके हवाले नहीं किया था। सैन्य अधिकारी खुद उसे लेकर सोपोर से रवाना हुए और रात 12.50 पर मेरठ एसटीएफ कार्यालय पहुंचे। यहां उसे नोएडा एसटीएफ के सुपुर्द कर दिया गया। देर रात वहां से लिखापढ़ी के बाद स्याना कोतवाली पुलिस उसे लेकर बुलंदशहर आ गई।

एसआइटी ने की पूछताछ

यहां रविवार तड़के स्याना कोतवाली में आइजी मेरठ रेंज द्वारा गठित एसआइटी ने जीतू से पूछताछ की। करीब तीन-चार घंटे की पूछताछ के बाद पुलिस उसे लेकर क्षेत्र में निकल गई। माना जा रहा है कि पुलिस उसकी निशानदेही पर कोतवाल से छीनी गई लाइसेंसी पिस्टल को बरामद करने का प्रयास कर रही है।

कथित गोकशी के बाद हुआ था बवाल
महाव गांव में कथित गोवंश के अवशेष मिले थे, जिसको लेकर बवाल हो गया था। इसमें स्याना कोतवाल सुबोध कुमार सिंह गोली लगने से शहीद हो गए थे और चिंगरावठी के युवक सुमित की भी गोली लगने से मौत हो गई थी। इस प्रकरण में पुलिस ने 27 बलवाइयों को नामजद करते हुए 60 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया था। इसमें जम्मू कश्मीर में तैनात फौजी जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू को भी आरोपित बनाया गया है। शुरुआती जांच में पुलिस जीतू फौजी को कोतवाल की हत्या का आरोपित मान रही है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो