मदरसों में भी अनिवार्य हो गीता बुलंदशहर के सदर विधायक और पूर्व राजस्व मंत्री वीरेंद्र सिंह सिरोही ने कहा कि गीता को मदरसो में भी अनिवार्य किया जाना चाहिए। गीता किसी धर्म विशेष की नही है, गीता में सारे देश की समस्याओ का समाधान है। इसलिए, इसमें कहीं हिंदू और मुस्लमान का जिक्र नही है। उन्होंने कहा कि गीता को मदरसो में भी लागू होना चाहिए। वहीं, जब उनसे गीता के ज्ञान और श्लोक के बारे में जानकारी मांगी गई तो उनका कहना था कि गीता तो हम रोज पढते हैं, लेकिन याद नहीं है। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि याद नहीं है, लेकिन रोज पढ़ते जरूर हैं। वहीं, जिलाध्यक्ष हिमांशु मित्तल से जब इस बारे में पूछ गया तो उन्होंने कहा कि संसार में जितने भी धर्म हैं वो कहीं न कहीं गीता से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनो में संस्कृति और धर्म गीता पर अधारित होंगे। वहीं, जब इनसे गीता के श्लोक के बारे में पूछा गया तो उनके जुबान पर गीता का एक भी श्लोक ठीक से याद नहीं था।
टीम का होगा चयन बतादें कि सरकार के आदेश के बाद से ही माध्यमिक शिक्षा विभाग के सभी मंडलों के संयुक्त निदेशकों को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। सभी बोर्डों के तहत आने वाले सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में जिला और मंडल स्तर पर ये प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं। अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि इस महीने के अंत में राज्य स्तर की प्रतियोगिता के लिए गायकों या टोलियों के नामों के चयन का काम 11 से 15 दिसंबर तक जिला और मंडल स्तर पर होगा। संगीत, गीता, हिन्दी और संस्कृत में विशेषज्ञता रखने वालों का एक पैनल सर्वश्रेष्ठ गायक या गायिका का चयन करेगा। प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभागियों के उच्चारण और गायन कौशल को परखा जाएगा। माध्यमिक शिक्षा महकमे ने कहा कि इस प्रतियोगिता के लिए छात्र पर आने वाले तमाम खर्चों को संबंधित स्कूल प्राधिकारी वहन करेंगे।