सिटी मजिस्ट्रेट ने छात्रों को जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। छात्रों ने बताया कि एडमिशन के दौरान कोई पैसा न लेने का आश्वासन दिया गया था। उस दौरान कोई फीस जमा नहीं कराई गई थी। लेकिन अब स्कूल प्रशासन फीस के लिए दवाब बना रहा है। फीस की एवज में 52 हजार रुपये की मांग की जा रही है।
फीस जमा न होने पर स्कूल प्रबधंक प्रेक्टिकल नहीं करा रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि पढ़ाई भी नहीं करने दी जा रही हैं। इस संबंध में छात्रोंं ने सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा है। उधर, छात्र नेता शिव कुमार लोधी ने बताया कि जिन छात्रों का एडमिशन 2017 में हुआ था, उस समय जीरो प्रतिशत पर इनके एडमिशन किए गए थे। लेकिन अब सरकार ने नियम बदल दिए है। जिसकी वजह से बच्चे परेशान है।