कंप्यूटर साइंस के छात्र हैं दोनों
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बुलंदशहर (Bulandshahr) में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के दो छात्रों ने यह रोबोट बनाया है। यह रोबोट मरीज को दवा दे सकता है। सैनेटाइजेशन करने के लिए इसमें सेंसर सिस्टम भी लगा हुआ है। रोबोट के डिस्प्ले पर सारी सूचनाएं आती हैं। सबसे खास बात यह है कि यह मोबाइल एप से कंट्रोल होता है। उन्होंने इसका नाम डेल्टा रखा है। इसको बनाने में उनको दो माह लगे। इसको ब्लू टूथ के जरिए मोबाइल ऐप से कनेक्ट किया जाता है। फिर ऐप में इसके फंक्शंस से रिलेटेड बटन दे रखे हैं। इनसे रोबोट को कंट्रोल किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बुलंदशहर (Bulandshahr) में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के दो छात्रों ने यह रोबोट बनाया है। यह रोबोट मरीज को दवा दे सकता है। सैनेटाइजेशन करने के लिए इसमें सेंसर सिस्टम भी लगा हुआ है। रोबोट के डिस्प्ले पर सारी सूचनाएं आती हैं। सबसे खास बात यह है कि यह मोबाइल एप से कंट्रोल होता है। उन्होंने इसका नाम डेल्टा रखा है। इसको बनाने में उनको दो माह लगे। इसको ब्लू टूथ के जरिए मोबाइल ऐप से कनेक्ट किया जाता है। फिर ऐप में इसके फंक्शंस से रिलेटेड बटन दे रखे हैं। इनसे रोबोट को कंट्रोल किया जा सकता है।
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एक घंटे है बैट्री बैकअप छात्र निशांत शर्मा ने बताया कि इसमें एक लीथियम बैट्री लगी है, जिससे इसका बैट्री बैकअप अभीएक घंटे का है। इसमें दो बैट्री लगा देंगे तो यह दो—ढाई घंटे तक चल सकता है। इसकी रेंज एक किलोमीटर तक है। इसमें हाथ पर सैनिटाइजर लगाने की जरूरत नहीं है। इसके आगे हैंड ड्रायर की तरह हाथ लेकर आएंगे तो अपने आप सैनिटाइजर का छिड़काव हो जाएगा। इसकी स्क्रीन पर कोरोना से बचाव के तरीके भी डिस्पले होंगे। यह भी पढ़ें