karwa chauth 2019ः करवा चौथ के दिन सुबह—सुबह पति के हाथ से जरूर पीएं नारियल का पानी, होगा यह फायदा पुराणों के अनुसार, विजयदशवी के दिन राम ने रावण का वध किया था। बताया जाता है कि रावण के मौत के पश्चात पत्नी मंदोदरी उसके शव को लेकर मेरठ जा रही थी। मेरठ में मंदोदरी का मायका था। मंदोदरी के पिता मृत व्यक्ति को जीवत करने की दवा जानते थे। लेकिन मंदोदरी लंका से लौटते वक्त मेरठ का रास्ता भटक गई और सिकंदराबाद के किशन तालाब पहुंच गई। यहां चौदस के दिन रावण के पुतले का दहन किया गया था।
जब उसे पूरी तरह यकीन हो गया था कि रावण का वध हो चुका है। उसके बाद रावण का दहन किया गया। यहां आज भी एक शिवमंदिर है। मंदिर के पुजारी धनश्याम झा ने बताया कि रास्ता भटकने के बाद मंदोदरी यहां पहुंची थी। मंदोदरी ने 4 दिन तक घोर तपस्या की थी। उसके बाद रावण जिंदा नहीं हुआ तो विजयदशवी के चार दिन बाद मंदोदरी नेे रामायण का अंतिम संस्कार कर दिया। तभी से दशहरेे के 4 दिन बाद रावण का दहन होता है।