धरना देने के लिए सैकड़ों गांव प्रधान कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। ग्राम प्रधानों का कहना है कि डीएम ने शौचालय में लापरवाही का आरोप लगाकर मामले में प्रधानों पर कार्रवाई हो चुकी है। उन्होंने कहा कि उन प्रधानों की कोई गलती नहीं है। साथ ही गौशाला के माोमले में भी ग्राम प्रधानों पर तलवार लटकी हुई है।
प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही शौचालय मुक्त योजना के तहत गांव गांव में जो शौचालय बनवाएं गए थे, उनमें कमियां पाई गई थी। उन्होंने बताया कि अभी और भी प्रधानों पर कार्रवाई की तैयारी जिला प्रशासन कर रहा है। जिसकी वजह से ग्राम प्रधान धरना देने के लिए डीए आॅफिस पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि गाय पालने के लिए 30 रुपये प्रतिदिन मिलते हैं। उसमें एक चॉकलेट भी नहीं आती है। वहीं, डीएम रविंद्र कुमार ने बताया कि 26 सितंबर को मीटिंग की बुलाई गई हैै।