राेज होती है अंतिम संस्कार की क्रिया बुलंदशहर नगर के देवीपुरा स्थित श्मशान घाट में रविवार रात को कुछ ऐसा ही नजारा दिखा। जहां एक तरफ चिता जल रही थी, वहीं दूसरी तरफ माता के भजन गूंज रहे थे। देवीपुरा श्मशान घाट में रोजाना किसी ना किसी की अर्थी आती है। रोज यहां पर अंतिम संस्कार की क्रिया होती है। लेकिन रविवार को श्मशान घाट पर कुछ अलग माहाैल दिखा।
कुछ वर्ष पूर्व हुआ था जीर्णोद्धार दरअसल, श्मशान घाट में काली माता का काफी प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर की 26 मई को वर्षगांठ मनाई जाती है। इस दिन हर वर्ष रात को मेले व त्यौहार जैसा माहौल रहता है। यहां आने वाले भक्तों का कहना है कि आज के दिन काली माता के मंदिर का कुछ वर्ष पूर्व जीर्णोद्धार किया गया था। तब से यहां जागरण व हवन किया जाता है।
यह है मान्यता मंदिर समिति से जुड़े सदस्य अर्जुन का कहना है कि यूं तो श्मशान घाट अक्सर अघोरियों के तंत्र-मंत्र को लेकर बदनाम रहते हैं, लेकिन बुलंदशहर में ऐसा नहीं है। यहां काली माता के मंदिर में आज के दिन भव्य जागरण का आयोजन होता है। इसमें भक्तगण यहां आते हैं और विधि-विधान से पूजा-अर्चना होती है। माना जाता है कि आज के दिन यहां पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यही वजह है कि हर साल श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती ही जा रही है।
भक्तों ने बताया आस्था का विषय वहीं, जागरण में हिस्सा लेने वाले श्रद्धालु राखी गोयल और शिवम ने बताया कि यह आस्था का विषय है। यहां पर हर साल वर्षगांठ मनाई जाती है, इसलिए यहां पर महिला व पुरुष का कोई भेदभाव नहीं है। सब लोग आकर जागरण में माता रानी का गुणगान करते हैं।
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