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दलित दूल्हे का घोड़ी पर बैठने का सपना हुआ पूरा, पुलिस फोर्स की निगरानी में निकली बारात

locationबुलंदशहरPublished: Apr 26, 2022 10:51:22 am

Submitted by:

lokesh verma

बुलंदशहर के गड़ाना गांव में दलितों की घुड़चढ़ी के दौरान 9 महीने पहले हुई थी जातीय हिंसा। जातीय हिंसा के बाद से दहशतजदा दलित ग्रामीण नहीं निकाल पा रहे थे बारात। सीआरपीएफ के जवान गौरव गौतम की मांग पर एसएसपी ने पुलिस फोर्स लगाकर उसकी धूमधाम से बारात निकलवाई।

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आखिरकार दलित दूल्हे का घोड़ी पर बैठकर शादी करने का सपना पूरा हो गया है। पुलिस फोर्स की मौजूदगी में न केवल सीआरपीएफ के दलित दवान गौरव गौतम की बारात निकली, बल्कि धूमधाम से शादी की सभी रस्में भी पूरी की गईं। गौरव की घुड़चड़ी के दौरान गांव गड़ाना में हर जगह पुलिस बल जवान तैनात रहे। घुड़चढ़ी में बारातियों डीजे पर जमकर डांस भी किया। इस मौेके पर दलितों के चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी। बता दें कि जुलाई 2021 में गांव दलित दूल्हे की घुड़चढ़ी के दौरान जातीय खूनी संघर्ष हो गया था, जिसके बाद से दलित दहशतजदा थे और डर के मारे गांव में वह बारात नहीं निकाल पा रहे थे। लेकिन, सीआरपीएफ के दलित जवान गौरव का सपना था कि वह गांव में घुड़चढ़ी करेगा। इसके लिए उसने एसएसपी से सुरक्षा की मांग की थी।
ये है पूरा मामला

दरअसल, बुलंदशहर जिले के ककोड़ कोतवाली क्षेत्र के गड़ाना गांव में पिछले 9 महीने से दलित शादियों में घुड़चढ़ी नहीं कर पा रहे थे, क्योंकि जुलाई 2021 में दलितों की घुड़चढ़ी के दौरान गड़ाना में एक बड़ी जातीय हिंसा हो गई थी। उस दौरान सवर्ण जाति के लोगों ने अपने घर के आगे से दलितों की बारात निकलने का विरोध किया था। जिसके बाद मामला खूनी संघर्ष में बदल गया और एक ग्रामीण की हत्या भी हो गई। उसके बाद से गांव में दलित डर के मारे बारात नहीं निकाल पा रहे थे।
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कई थानों की पुलिस के साथ पीएसी के जवान रहे तैनात

वहीं, सीआरपीएफ के जवान गौरव गौतम की इच्छा थी कि उसकी शादी गांव में बड़ी धूमधाम से की जाए और घुड़चढ़ी भी निकले। इसके लिए गौरव ने एसएसपी संतोष कुमार सिंह से सुरक्षा की मांग की थी। बुलंदशहर एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि गौरव गौतम की मांग पर कई थानों का पुलिस फोर्स के साथ पीएसी के जवानों को गांव में तैनात किया गया था। सीआरपीएफ के जवान गौरव की बारात पूरी धूमधाम से निकाली गई है।
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‘जातिवाद और भेदभाव को भूलें’

एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने कहा कि अब जातिवाद और भेदभाव को भूलना होगा। इससे गांव के पढ़े लिखे युवाओं का भविष्य खराब होता है। सभी को साथ मिलकर रहना चाहिए।
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