ये है पूरा मामला दरअसल, बुलंदशहर जिले के ककोड़ कोतवाली क्षेत्र के गड़ाना गांव में पिछले 9 महीने से दलित शादियों में घुड़चढ़ी नहीं कर पा रहे थे, क्योंकि जुलाई 2021 में दलितों की घुड़चढ़ी के दौरान गड़ाना में एक बड़ी जातीय हिंसा हो गई थी। उस दौरान सवर्ण जाति के लोगों ने अपने घर के आगे से दलितों की बारात निकलने का विरोध किया था। जिसके बाद मामला खूनी संघर्ष में बदल गया और एक ग्रामीण की हत्या भी हो गई। उसके बाद से गांव में दलित डर के मारे बारात नहीं निकाल पा रहे थे।
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प्रयागराज सामूहिक हत्याकांड: पुलिस के निशाने पर घुमंतू गिरोह कई थानों की पुलिस के साथ पीएसी के जवान रहे तैनात वहीं, सीआरपीएफ के जवान गौरव गौतम की इच्छा थी कि उसकी शादी गांव में बड़ी धूमधाम से की जाए और घुड़चढ़ी भी निकले। इसके लिए गौरव ने एसएसपी संतोष कुमार सिंह से सुरक्षा की मांग की थी। बुलंदशहर एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि गौरव गौतम की मांग पर कई थानों का पुलिस फोर्स के साथ पीएसी के जवानों को गांव में तैनात किया गया था। सीआरपीएफ के जवान गौरव की बारात पूरी धूमधाम से निकाली गई है।
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काशी की पहल, प्राचीन बड़े महावीर मंदिर से उतर गया लाउडस्पीकर ‘जातिवाद और भेदभाव को भूलें’ एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने कहा कि अब जातिवाद और भेदभाव को भूलना होगा। इससे गांव के पढ़े लिखे युवाओं का भविष्य खराब होता है। सभी को साथ मिलकर रहना चाहिए।