वहीं एक मान्यता ये भी है कि जब भगवान श्री राम रावण का वध करके जब अयोध्या वापस लौटे तो उस समय भगवान राम का अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर स्वागत किया था। जिसके बाद इस त्योहार को प्रत्येक साल दिवाली के रूप में मनाया जाने लगा। इस दिन लक्ष्मी जी की प्रतिमा अपने घर मे स्थापना करके उनसे धन और स्मृद्धि की प्रार्थना की जाती है। साथ ही धन के देवता कुबेर की मूर्ति को भी रखकर उनसे धन के भंडार भरने की और गणेशजी से बुद्धि सिद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है।
पंडित राज शर्मा की मानें तो दिवाली पर शुभ मुहुर्त पर पूजा करने पर लाभ मिलता है। वहीं इस बार दिवाली महापर्व अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि में 27 अक्टूबर 2019 रविवार को मनाया जाएगा। दिवाली पर शुभ मुहर्त 27 अक्टूबर दोपहर 12:24 से लेकर 28 अक्टूबर सुबह 9:09 बजे तक है।