दरअसल, हाजी यूनुस एक शादी समारोह में शामिल होने भाईपुरा गांव गए थे। वहां शिरकत कर वह अपने काफिले के साथ रविवार को बुलंदशहर लौट रहे थे। उनका काफिला रजवाहे की पुलिया के पास पहुंचा ही था कि पहले से घात लगाए करीब छह लोगों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। सबसे आगे हाजी यूनुस की ऑडी थी, जिसमें वह अपने समर्थकों के साथ पिछली सीट पर बैठे हुए थे। वहीं उसके पीछे एक फॉर्च्यूनर के अलावा अन्य दो कार भी थीं। अचानक हुए हमले में ऑडी और फॉर्च्यूनर कार सवार लोग गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। इससे पहले कि कोई संभल पाता कार सवार आधा दर्जन हमलावर बदायूं-शिकारपुर हाईवे के रास्ते फरार हो गए। इसके बाद तत्काल हाजी यूनुस के घायल समर्थकों खालिद, शादाब, राशिद, शमी आलम और अफजल को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने हालत गंभीर बताते हुए मेरठ और नोएडा के हायर सेंटर रेफर कर दिया। लेकिन, एक समर्थक खालिद की रास्ते में ही मौत हो गई।
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शौर्य दिवस आज, शाही ईदगाह पर जलाभिषेक करेंगे हिन्दू, पुलिस मुस्तैद हाजी यूनुस बोले- …तो न होता हमला घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस की टीम ने पहुंचकर जांच पड़ताल शुरू की। हमलावरों को पकड़ने के लिए नाकेबंदी भी की गई, लेकिन हमलावरों का कुछ पता नहीं चल सका। इस संबंध में एसएसपी संतोष कुमार सिंह का कहना है कि हमलावरों की तलाश की जा रही है। जल्द ही वे पुलिस गिरफ्त में होंगे। वहीं, हाजी यूनुस ने पुलिस प्रशासन पर पहले शिकायत के बाद भी सुरक्षा नहीं देने का आरोप लगाया है। यूनुस ने कहा कि अगर पुलिस प्रशासन पहले ही सुरक्षा दे देता तो यह हमला नहीं होता।
बसपा छोड़ समर्थकों संग रालोद में आए थे हाजी यूनुस बता दें कि बुलंदशहर के पूर्व ब्लॉक प्रमुख हाजी यूनुस शनिवार को ही बहुजन समाज पार्टी को छोड़कर सर्मथकों के साथ राष्ट्रीय लोक दल में शामिल हुए थे। हाजी यूनुस बुलंदशहर सदर विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं और सदर ब्लॉक से ही ब्लॉक प्रमुख भी रहे हैं। फिलहाल उनकी पत्नी निशा परवीन सदर ब्लॉक से प्रमुख हैं।