गौरतलब है कि 25 अगस्त को अड़ौली गांव में कथित गौकशी के बाद सांप्रदायिक बवाल हो गया था। आरोपियों ने दो मस्जिदों के अलावा घरों में तोड़फोड़ भी की थी। गांव के सौहार्द को बनाए रखने के लिए पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने दोनों पक्षों के 66 लोगों को पांच-पांच लाख के मुचलकों में पाबंद कर दिया था और हिदायत दी थी कि अगर गांव का माहौल फिर बिगड़ा तो उनसे मुचलकों की धनराशि वसूली जाएगी। पुलिस-प्रशासन ने दोनों पक्षों के हाथ भी मिलवा दिए थे, लेकिन 14 सितंबर को अड़ौली गांव से आठ किलोमीटर दूर सहकारी नगर में बच्चों में हुई मारपीट की घटना ने गांव में दोबारा सांप्रदायिक तनाव पैदा कर दिया। समुदाय विशेष के लोगों ने पथराव व घरों में तोड़फोड कर फिर से गांव के सौहार्द में खलल डाल दी थी। हालांकि, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने तत्काल एक्शन लेते हुए स्थिति को कंट्रोल कर लिया था।
गांव में दोबारा हुए सांप्रदायिक तनाव की घटना के बाद पुलिस-प्रशासन ने अब कड़ा रुख दिखाना शुरू कर दिया है। पहले बवाल में पांच-पांच लाख के मुचलकों में पाबंद किए गए लोगों को पुलिस ने धारा 122 के तहत रिकवरी के नोटिस भेज दिए हैं। देखा जाए तो 66 लोगों से पुलिस करीब तीन करोड़ तीस लाख की रिकवरी करेगी। अगर यह कार्रवाई अंजाम तक पहुंची तो दूसरे जिलों के लिए नजीर बन सकती है। बताया जा रहा है कि मुचलकों का पैसा अदा न करने वालों की संपत्ति भी पुलिस कुर्क की जा सकती है और उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हो सकते हैं।
यह कहते हैं अधिकारी
एसपी सिटी प्रवीन रंजन सिंह ने बताया कि रिकवरी नोटिस जारी कर दिए गए हैं। आगे की कार्यवाही पुलिस प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से की जाएगी। मुचलकों में पाबंद लोगों की संपत्ति भी कुर्क हो सकती हैं।