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कांग्रेस को बड़ा झटका, पार्टी की चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने थामा भाजपा का दामन बता दें कि बुलंदशहर सदर सीट इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि आजादी के बाद पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में बाबू बनारसी दास यहां से भारी बहुमत से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे और आगे चलकर उत्तर प्रदेश के 11वें मुख्यमंत्री बने। वहीं, 2017 के चुनावों की बात करें तो सदर सीट से भाजपा के वीरेंद्र सिरोही ने जीत हासिल की थी। उन्होंने बसपा प्रत्याशी हाजी अलीम को कड़े मुकाबले में हराया था। हालांकि 02 मार्च 2020 को वीरेंद्र सिरोही का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया, जिसके चलते इस सीट पर अब तीन नवंबर को उपचुनाव होंगे।
3 लाख 81 हजार 1 सौ 37 मतदाता उपचुनाव की घोषणा ने एक बार फिर बुलंदशहर सदर सीट पर सियासी माहौल गरमा गया है। बता दें कि सदर विधानसभा में 2 लाख 2 हजार 9 सौ 19 पुरुष और 1 लाख 78 1 सौ 92 महिला मतदाता के साथ कुल 3 लाख 81 हजार 1 सौ 37 मतदाता हैं। निर्वाचन आयोग ने यहां नामांकन के लिए 16 अक्टूबर की तारीख तय की है, वहीं 17 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी। इसके बाद 19 अक्टूबर को नाम वापसी की प्रकिया होगी। जबकि तीन नवंबर को मतदान होगा ओर 10 नवंबर को मतगणना होगी।
लागू हुई आदर्श आचार संहिता जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि उपचुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही जिले में आचार संहिता लागू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि चुनाव प्रक्रिया को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन का पालन कराया जाएगा।
सदर सीट का इतिहास पार्टी————– विजयी प्रत्याशी
कांग्रेस———– बाबू बनारसीदास
प्रजा सोशलिस्ट- रघुराज सिंह
कांग्रेस———– इर्तिजा हुसैन
रिपब्लिक पार्टी– शमीम आलम (दो बार)
भारतीय जनसंघ- सत्यवीर यादव
जनता पार्टी—— विजय राज सिंह
कांग्रेस (ई)——- सइदूल हसन (दो बार)
जनता दल——- डीपी यादव
जनता दल सर्कुलर- डीपी यादव
समाजवादी पार्टी—- डीपी यादव
भाजपा————- महेंद्र सिंह यादव (दो बार)
बसपा————– हाजी अलीम (दो बार)
भाजपा————-वीरेंद्र सिंह सिरोही