केंद्र सरकार की तरफ से हर घर में गैस सिलेंडर पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत फ्री में गैस कनेक्शन देने की योजना शुरू की है। बुलंदशहर में उज्जवला योजना के तहत करीब एक लाख से अधिक पात्र व्यक्तियों को गैस कनेक्शन जारी किए गए थे। जबकि जिले में करीब 75 गैस एजेंसी संचालित है।सभी पात्रों की लिस्ट केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रायल की तरफ से जारी की गई थी। इसके अलावा जिले के अफसरों को निर्देश दिए गए थे कि पात्रों को ही गैस कनेक्शन दिए जाए। जो नाम लिस्ट में हैं, उन्हें ही गैस कनेक्शन दिए जाए। बाद में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय को अपात्रों को गैस कनेक्शन जारी करने की जानकारी मिली तो जांच कराई गई।
जांच के दौरान पूरा मामला साफ हो गया। मामला सामने आने पर मंत्रालय ने पात्रों को योजना का लाभ देने और डाटा को दुरस्त करने के निर्देश दिए है। साथ ही यह भी कहा है कि आगे से अगर अपात्रो को गैस कनेक्शन देने का मामला सामने आता है तो उसे गैस एजेंसी का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। निर्देश मिलने के बाद में गैंस एजेंसी संचालकों में हड़कंप मच गया है। जांच में सामने आया है कि बड़ी संख्या में अपात्रो को कनेक्शन दिया गया है। बुलंदशहर के जिला आपूर्ति अधिकारी केबी सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में फर्जीवाड़ा और एजेंसी की तरफ से डाटा दुरस्त करने का लेटर मिल गया है। अगर जल्द ही गैस एजेंसी संचालकों की तरफ से उनका डाटा दुरस्त नहीं किया गया और कोई फर्जीवाड़ा सामने आया तो एजेंसी को रद्द किया जा सकता है।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय की तरफ से प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत जिन पात्रों की लिस्ट जारी की गई थी, उनकी जगह अपात्रो को गैस कनेक्शन जारी कर दिया गया।
अफसरोंं की बड़ी बैचेनी गैस कनेक्शन के साथ में अफसरों की भी बैचेनी बढ़ गई है। जबकि संचालकों को भी गैस एजेंसी रद्द होने का डर सताने लगा है।