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UP Board Exam: सामान्य छात्रों के बीच पैरों से लिखकर परीक्षा दे रहे दिव्यांग को देख हर कोई रह गया हैरान

locationबुलंदशहरPublished: Feb 19, 2020 12:33:37 pm

Submitted by:

lokesh verma

Highlights- बुलंदशहर के जहांगीराबाद में एक विद्यार्थी ने हाथ नहीं होने के बावजूद पैरों से परीक्षा देकर पेश की मिसाल- पढ़ाई के साथ अन्य जरूरी काम भी अपने पैरों से करता है 10वीं का छात्र रोहित- दिव्यांग रोहित को अपने बीच पैरों से परीक्षा देते सभी छात्र रह गए हैरान

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बुलंदशहर. यूपी बोर्ड परीक्षा में जहां हजारों परीक्षार्थियों ने फेल होने के डर से परीक्षा छोड़ दी है। वहीं, बुलंदशहर के जहांगीराबाद के एक विद्यार्थी ने हाथ नहीं होने के बावजूद परीक्षा देकर मिसाल पेश की है। बता दें कि दसवीं बोर्ड की परीक्षा दे रहा रोहित जन्म से ही दिव्यांग है। उसके दोनों हाथ नहीं है, लेकिन इसके बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी है। रोहित ने अपने पैरों से लिखकर परीक्षा दी है।
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दरअसल, रोहित बुलंदशहर जिले के जहांगीराबाद स्थित गांव जुगसाना कलां का रहने वाला है। जन्म से ही उसके दोनों हाथ नहीं है। इसलिए उसने अपने पैरों को इस काबिल बनाया है कि वह उनसे हाथों का काम ले सके। जब वह जहांगीराबाद के एसकेए जनता इंटर कॉलेज में हाईस्कूल की परीक्षा देना पहुंचा तो शिक्षक हैरान रह गए और सोचने लगे कि बिना हाथ के वह कैसे परीक्षा देगा। इस पर रोहित ने कहा कि वह अपने पैरों से भी हाथों की की तरह लिख सकता है। यह सुन परीक्षा केंद्र के प्रधानाचार्य सीपी अग्रवाल ने उसके बैठने के लिए अलग से व्यवस्था की।
वहीं जैसे ही परीक्षा शुरू हुई तो उसके साथ परीक्षा दे रहे अन्य छात्र यह देख चौंक गए कि वह अपने पैरों से लिखकर पेपर हल कर रहा है। बताया जा रहा है कि जुगसाना कलां के रहने वाले रोहित के पिता ओमपाल सिंह किसान हैं। रोहित को परीक्षा दिलाने आए आेमपाल ने बताया कि उनकी दो बेटी और दो बेटों है, जिनमें रोहित सबसे छोटा है। रोहित जन्माजात दिव्यांग है, लेकिन हाथ नहीं होने के बाद भी वह सभी काम अपने पैरों से आसानी से कर लेता है। उसकी इच्छा है कि वह बड़ा होकर परिवार का नाम रोशन करे। उन्होंने बताया कि रोहित पढ़ने में बहुत तेज है। उन्हें पूरा भरोसा है कि एक दिन वह उनका नाम जरूर रोशन करेगा।
वहीं, रोहित का कहना है कि हाथ नहीं हैं तो क्या हुआ उसके पैर तो हैं। वह अपने पैरों से भी सामान्य लोगों की तरह जीवन जी सकता है। उसका कहना है कि मुझे पता है कि मेरे जीवन बहुत कठनाइयां आएंगी, लेकिन मैं उनसे कभी हार मानने वाला नहीं हूं। मैं अपने पैरों से वे सभी काम कर सकता हूं, जो आम लोग अपने हाथों से लेते हैं। मैं पैरों से पढ़ाई के साथ ही कम्प्यूटर चला सकता हूं और खाना भी खा सकता हूं।
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