यह खबर उड़ी थी गुरुवार रात के 12 बजे चामड़ के मंदिर पर अहोई अष्टमी का व्रत रखने वाली सैकड़ों महिलाएं देवी को जल चढ़ाने के लिए लाइन में लगीं थी। किसी ने खबर उड़ा दी थी कि जो महिला मंदिर में देवी को जल नहीं चढ़ाएगी, उसके बच्चों की मौत हो जाएगी। इसके बाद सैकड़ों माएं अपने बच्चे की सलामती के लिए सीधे देवी मां के दरबार में चली गईं। जिसका एक बेटा था, उसने देवी को एक लोटा जल चढ़ाया और जिसके दो बेटे थे, उसने दो लोटा जल चढ़ाया। इसके बाद उन्होंने पूजा-अर्चना की और देवी से अपने बच्चों की लंबी आयु की प्रार्थना की।
चामड़ देवी के मंदिर में लगी भीड़ इतनी रात तक महिलाओं के मंदिर पहुंचने वजह महज अफवाह थी, जिसे कुछ अराजक तत्वों द्वारा फैलाया गया था। अफवाह थी कि अहोई अष्टमी का व्रत रखने वाली महिलाओं ने अगर गुरुवार रात तक बुलंदशहर के पहासू क्षेत्र स्थित चामड़ मंदिर में पहुंचकर देवी को जल नहीं चढ़ाया तो उनके बच्चों की मौत हो सकती है। ये अफवाह इलाके में आग की तरह फैली। इसके बाद चामड़ मंदिर में महिलाओं का तांता लग गया।
पहले कभी नहीं आई मंदिर कैला देवी का कहना है कि वह रात में ठंड में यहां आई हैं। चामड़ मोहल्ले में रहने वाली कैला देवी का कहना है कि उनको खबर मिली थी कि एक महिला के पांच बेटे मर गए हैं। बच्चों को बचाने के लिए चामड़ देवी को नहलवाओ। इसके बाद वे मंदिर पहुंची हैं। वहीं, 40 साल की सरोज कहती हैं कि इससे पहले वह कभी मंदिर नहीं आई हैं। बच्चों के लिए उन्हें इतनी रात में यहां आना पड़ा। उन्होंने बताया कि जिनके दो बच्चे थे, उन्होंने दो लोटे जल चढ़ाया, जिनके एक है, उन्होंने एक लोटा जल चढ़ाया।