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सुविधाओं से भी आजाद है “आजाद” पार्क…

locationबूंदीPublished: Sep 05, 2018 07:27:39 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

शहर के बीचों-बीच बना आजाद पार्क की आबोहवा लोगो को सुकून देने के बजाय सांस में जहर घोल रही है।

Azad paark durdasha ka shikaar nagar parishad

सुविधाओं से भी आजाद है “आजाद” पार्क…

बूंदी. जगह-जगह फैली गंदगी के ढेर, बदहाल हो रही प्रतिमा, टूट फूट चुके फव्वारे, कुछ ऐसा ही हाल है शहर के आजाद पार्क का। अच्छी सेहत की चाह में यहां आने वाले लोगो को यह पार्क क्या कुछ दे रहा है यह भी विचारणीय प्रश्र बन गया है। दुर्दशा का शिकार हो रहे इस पार्क पर नगर परिषद की अनदेखी भारी पड़ रही है। यहां लोग गंदगी डाल जाते है, जिससे दुर्गध उठती है। विद्युत लाइटें बंद पड़ी है जिससे मॉर्निग वॉक पर आने वाले लोगो को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शहर के बीचों-बिच बना आजाद पार्क की आबोहवा लोगो को सुकून देने के बजाय सांस में जहर घोल रही है।

नगर पालिका ने 10 सितम्बर 1993 को नेहरु बालोउद्यान जनता को समर्पित किया था लेकिन परिषद ने इसकी सुध नही ली जिससे दिनो- दिन यह पार्क बदतर होता जा रहा है। पार्क में लगी पं जवाहर लाल नेहरु की प्रतिमा भी बेबसी के आंसू रो रही है। प्रतिमा पर पक्षियों की बीट और गदंगी जमा है, उसके चारो तरफ लगे फव्वारे सालों से खराब पड़े है। कमल के फूल में स्थापित सर्किल जीर्ण- क्षीर्ण हो चुका है।

अपराधिक तत्व जमा लेते है डेरा-


पार्क में लाइटे बंद पड़ी है। अंधेरे का फायदा उठाकर असामाजिक तत्व यहां डेरा जमा लेते है, विरोध करने पर झगड़े पर आमादा हो जाते है। पार्क में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नही पार्क के बाहर जो प्याऊ है वो भी बंद ही रहता है वहा आसपास गंदगी जमा है।
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आजाद पार्क की चार दीवारी बहदहाल हो रही है। पार्क से सटा हंसा देवी माता मंदिर के बाहर कचरे के ढेर लगे है जिससे पार्क में आने वाले लोगो को श्वासं लेना भी दुभर हो जाता है। कई लोग यहां कार्यक्रमों का जुठन भी डाल जाते है। ग्राउंड के चारो तरफ लगी लोहे की जालियां भी टूट चुकी है।
नाम के रह गए मल्टी फ्लेक्स झूलें-

पार्क में लगे मल्टी फ्लेक्स झूलें टूटे हुए है। बच्चों की फिसलपट्टी और पार्क में झूले खराब होने से यहां आने वाले बच्चे मायूस होकर लौट जाते है। तलवास निवासी आशा सेनी का कहना है कि पार्क में सुधार की आवश्यकता है। किसी कोम से जब वे बूंदी आती है तो इसी पार्क में समय गुजारती है, कई महिनों से इस पार्क की यही हालत बनी है। वहीं कजोर नायक और हमीद का कहना है कि पार्क में विधुत पोल लाइटे खराब पड़ी है ऐसे में यहां शाम ढलते ही अंधेरे में गुम हो जाता है। पीने के पानी की कोई व्यवस्था नही और बच्चों के लिए लगाए झूले भी टूटे हुए है।
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