हाई-वे के एक तरफ निर्माण चलने से दूसरा रास्ता जाम हो गया। ऐसे में दोनों ओर वाहनों की कतारें लगी रही। तब सूचना सदर थाना पुलिस और कंट्रोल रूम पर दी। पुलिस और हाई-वे पेट्रोलिंग के वाहन मौके पर पहुंचे और वाहनों को कतार में कराया। इसके बाद करीब दो घंटे तक यहां वाहन रेंगकर चलते रहे। इससे सुबह जरूरी काम के लिए निकले लोगों को देरी हो गई। क्रेन की मदद से ट्रोलों को एक तरफ कराया, जब रास्ता बहाल हो सका।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर हादसों का सिलसिला थम नहीं रहा। यहां वाहनों की गति नियंतित्रत रहे इसे लेकर कोई ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे। परिवहन विभाग के दस्ते नजर नहीं आ रहे। हाई-वे का पुनर्निर्माण कर रहे संवेदकों ने सडक़ किनारे बोर्ड लगाकर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर ली। यहां निर्माण की गति मंद होने से कई दिनों में कुछ किलोमीटर का निर्माण हो रहा। जबकि वाहनों का दबाव होने से यह गति अधिक होनी चाहिए।
जानकारों ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग -52 को सीसी बना रहे, लेकिन इसके रोंग साइड पर आने वाले रास्तों पर जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की जा रही। जिससे हादसों के होने का संकट दूर होते नहीं दिख रहा। यहां रामगंजबालाजी के निकट लाखेरी-नैनवां रोड पर जाने के लिए बायपास रोड का निर्माण तो कर दिया, लेकिन इस रोड पर जाने के फ्लाईओवर का निर्माण नहीं कराया। ऐसे में भारी वाहनों के इस बायपास से गुजरने के लिए रोंग साइड जाना पड़ेगा। इससे हाई-वे निर्माण पूरा होने के बाद भी हादसों का भय बना रहेगा।