ग्रह गोचर में मकर राशि के केतु के साथ चंद्रमा का प्रभाव और राहु से उसका समसप्तक दृष्टि संबंध होना, युतिकृत मान से कर्क राशि में राहु, सूर्य, बुध तथा मकर राशि में चंद्र, केतु, मंगल युतिकृत दृष्टि संबंध होना, दो तरफा केंद्र योग का बनना और शनि व मंगल का वक्री होना अपने आप में विशेष घटना है क्योंकि खग्रास चंद्रग्रहण अपनी जगह है ही।
इसके अलावा ग्रहण के ही दिन इस प्रकार के युति संबंधों का होना प्राकृतिक दृष्टिकोण से अच्छा नहीं माना जाता है। इसका प्रभाव आमतौर पर ग्रहण के 7 दिन से लेकर तीन महीने तक देखा जाता है।
ये रहेगा असर
ज्योतिषाचार्य अमित जैन के अनुसार ग्रहण के दौरान ज्यो ही ब्रह्मांड में घटना के साथ ऊर्जा की कमी होती है तो प्रत्येक जीव किसी न किसी प्रकार से प्रभावित होता है। खंड बारिश के योग बनेंगे। जनता जागरूक होगी और सत्ता में परिवर्तन संभव है।
साधु, संतों, पंडित, शिक्षार्थी, बुजुर्ग व्यक्ति के लिए कष्टकारी रहेगा। सोना-चांदी, चावल एवं सफेद वस्तु में तेजी का रूख होगा। वहीं भूकंप, सुनामी होने की आशंका बन रही है। प्राकृतिक आपदाओं की आशंका बढ़ेगी। सामुद्रिक तूफान की भी संभावना रहेगी।
ग्रहण का प्रभाव इन राशियों पर
खग्रास चंद्र ग्रहण उत्तरा आषाढ़ व श्रवण नक्षत्र तथा मकर राशि में होगा। इसलिए जिनका जन्म नक्षत्र उत्तरा आषाढ़ एवं श्रवण नक्षत्र व जन्म राशि व लग्न मकर है, उनके लिए विशेष अशुभ है। इसलिए इन जातकों को चंद्रग्रहण के दौरान शिव की साधना करना चाहिए।
चंद्र ग्रहण मेष, सिंह, वृश्चिक, मीन राशि वालों के लिए श्रेष्ठ फलदायी रहेगा। वृष, कर्क, कन्या, धनु राशि के लिए शुभाशुभ मध्यम प्रभाव वाला होगा तथा मिथुन, तुला, मकर व कुंभ राशि वालों के लिए नेष्टप्रद है।
जिन राशि वालों के लिए विपरीत स्थिति है वे ग्रहण काल में महामृत्युंजय जप, शिव व हनुमान की साधना करें व इनके बीज मंत्रों का जाप, स्त्रोत पाठ करें। इससे ग्रहण का प्रभाव अनुकूल हो सकेगा।
ग्रहण पर्व काल
3.55 घंटे
सूतक आषाढ़ पूर्णिमा शुक्रवार 27 जुलाई को ग्रहण प्रारंभ होने के तीन प्रहर पहले यानी दोपहर 2.57 बजे से प्रारंभ होगा।
ग्रहण कब से कब तक
27 व 28 जुलाई की दरमियानी रात से तडक़े तक
3.55 घंटे
सूतक आषाढ़ पूर्णिमा शुक्रवार 27 जुलाई को ग्रहण प्रारंभ होने के तीन प्रहर पहले यानी दोपहर 2.57 बजे से प्रारंभ होगा।
ग्रहण कब से कब तक
27 व 28 जुलाई की दरमियानी रात से तडक़े तक
ग्रहण स्पर्श
रात 11.54 बजे
ग्रहण सम्मिलन
रात 1 बजे
मध्य
रात 1.52 बजे
मोक्ष
तडक़े 3.49 बजे इससे पहले इतनी लंबी अवधि वाला चंद्रग्रहण 26 जुलाई 1953 में हुआ था।