बारिश की झड़ी से बूंदी जिला तरबतर, बस्तियों में घुसा पानी
बूंदीPublished: Sep 08, 2018 09:20:18 pm
बारिश की झड़ी ने शनिवार को जिला तरबतर कर दिया। शुक्रवार रात दस बजे शुरू हुआ बारिश का दौर शनिवार शाम तक जारी रहा।
बारिश की झड़ी से बूंदी जिला तरबतर, बस्तियों में घुसा पानी
बूंदी. बारिश की झड़ी ने शनिवार को जिला तरबतर कर दिया। शुक्रवार रात दस बजे शुरू हुआ बारिश का दौर शनिवार शाम तक जारी रहा। कई इलाकों में पानी जमा हो गया। नदियों में आए उफान से रास्ते बंद हो गए। मुरझाई फसलों को फिर से जीवनदान मिल गया। बांध-तालाबों में पानी की जोरदार आवक शुरू हो गई है।
बूंदी शहर में बारिश के बाद लोगों के चेहरे पर खुशी दिखाई पड़ी। लोग दिनभर बारिश में नहाने का लुत्फ उठाते दिखाई दिए। बारिश की झड़ी लगी रहने के बाद बाजार जल्द बंद हो गए। बूंदी शहर की नवल सागर और जैतसागर में पानी की जोरदार आवक हुई। शाम को जैतसागर झील के तीन गेट खोले गए, इससे निचली बस्तियों में पानी जमा हो गया। शनिवार को शाम पांच बजे तक बीते चौबीस घंटे में बूंदी में ९६, तालेड़ा में ८५, केशवरायपाटन में ११७, इंद्रगढ़ में ८४, नैनवां में ५४ और हिण्डोली में ६६ मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार मेज नदी में आए उफान के बाद चार बजे से खटकड़-झालीजी का बराना, दोपहर डेढ़ बजे से कालानला-बांसी और घोड़ा पछाड़ नदी में उफान के बाद नमाना-श्यामू मार्ग बंद हो गए। शाम को बूंदी-नमाना मार्ग पर भी आवागमन ठप हो गया।
इधर, बिना कोई सूचना जैतसागर झील से पानी छोडऩे से महावीर कॉलोनी सहित कई बस्तियों में पानी घुस गया।
केशवरायपाटन. कस्बे में लगी बारिश की झड़ी से जनजीवन प्रभावित हो गया। लगाातार हो रही बारिश से कस्बे में लगने वाला साप्ताहिक हाट प्रभावित हो गया। यहां शुक्रवार रात से ही बारिश शुरू हो गई। कभी रिमझिम तो कभी तेज बारिश से तालाबों व ड्रेनों में पानी की आवक बढ़ गई। रुकरुक कर चल रही बारिश से बाजारों में दिनभर सन्नाटा रहा। सड़कों से दुपहिया वाहन गायब रहे। बारिश की वजह से लोग अपने घरों से निकल नहीं पाए। बारिश धान व सोयाबीन उत्पादकों के लिए वरदान साबित होगी। उड़द में नुकसान की आशंका रहेगी।
नैनवां. नैनवां व आसपास के गांवों में तड़के चार बजे से ही कभी तेज तो कभी धीमी गति से बरसात की झड़ी लगी रही, जो दोपहर तीन बजे तक जारी रही। किसानों ने बताया कि पकने को आई उड़द की फसल के लिए बरसात नुकसानदायक है। बामनगांव के पूर्व सरपंच व किसान जगदीश नागर ने बताया कि बामनगांव सहित आसपास के गांवों में तड़के चार बजे से ही ठहर-ठहर चली बरसात से उड़द के फसल वाले खेतों में पानी भी गया है, जिससे पकने को आई फसल में नुकसान हो गया।