बेटियो के लिए यह एक नया अनुभव था। चेहरो की चमक ने यह साफ कर दिया कि यह पल उनके लिए कितना खास था।
बूंदी•Sep 18, 2019 / 12:40 pm•
Narendra Agarwal
ऑफिस में संभाला काम तो लगा कितनी मेहनत करते है अभिभावक
बेटियो के लिए यह एक नया अनुभव था। चेहरो की चमक ने यह साफ कर दिया कि यह पल उनके लिए कितना खास था। माता-पिता को भी अपने काम के बारे ऑफिस में संभाला काम तो लगा कितनी मेहनत करते है अभिभावक
मे बेटी को बताना और प्रोत्साहित करना आनंदित कर गया।
प्रेक्षा रावका का कहना है कि निवेश जिसे अब तक पुस्तक में ही पढ़ा था ,आज पापा के ऑफिस आकर जाना की निवेश कैसे किया जाता है। वाकई काफी रुचिकर व चुनौतीपूर्ण काम लगा। किरणदीप का कहना था कि पापा का काम खेत पर जाकर देखा तो लगा कि यह बहुत मेहनत का काम है। आज चारे की कुट्टी करना सीखा।
आर्ची का कहना है कि आज पापा के कॉलेज में भूगोल का प्रायोगिक कार्य सीखा। मानचित्र बनाना और उसकी व्याख्या सीखकर बहुत अच्छा लगा। मानचित्र में विभिन्न जानकारी होती है, इसका आज पता चला।
निकिता का कहना है कि ग्राम पंचायत कार्यालय पर गई, जहां पर मस्टररोल व निविदा प्रक्रिया की जानकारी पाई। साथ ही पंचायत के विकास के बारे में जाना।