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पैथोलॉजी लैब में चल रहा ब्लड बैंक, अपने भवन को तरसा

locationबूंदीPublished: Mar 12, 2018 12:01:58 pm

Submitted by:

Narendra

जिला अस्पताल के बरसों पुराने पैथोलॉजी लैब के भवन में चल रहे ब्लड बैंक को नए भवन की दरकार है

Blood Bank in Pathology Lab, Lent to Your Building
बूंदी. जिला अस्पताल के बरसों पुराने पैथोलॉजी लैब के भवन में चल रहे ब्लड बैंक को नए भवन की दरकार है। वर्षों पुराने भवन की छतें क्षतिग्रस्त हो गई। दीवारों में सीलन से नमी का माहौल बना रहने लगा है।जगह का अभाव होने से ब्लड बैंक की व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही है। यही कारण है कि हर बार होने वाली जांच में ब्लडबैंक निर्धारित मापदंडों पर खरा नहीं उतर पा रहा। ब्लड बैंक का वर्षों से लाइसेंस नवीनीकरण नहीं हो पाया।
ब्लड बैंक लंबे समय से समस्याओं से जूझ रहा है, लेकिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का इस ओर कोईध्यान नहीं है। जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल की पैथोलॉजी लैब के भवन में ब्लड बंैक संचालित किया जा रहा है। वर्षों पुराना भवन होने के कारण ब्लड बैंक के हिसाब से मापदंड पूरे नहीं हो रहे हैं। भवन में पर्याप्त जगह का अभाव होने से कामकाज प्रभावित हो रहा है। पैथोलॉजी लैब को भी विस्तार की जरूरत है।
कमरे में बंद लाखों की मशीनें
कंपोनेेंट सेपरेशन यूनिट के संचालन के लिए यहां लाखों रुपए की मशीनें ब्लड बैंक में पहुंच गई। तमाम नई मशीनें आने के कारण ब्लड बैंक के खाली कमरे भर चुके, लेकिन मशीनों का उपयोग कब शुरू होगा यह कोई नहीं जानता। मशीनें कमरों में बंद धूल खा रही है। ब्लड बैंक में सेपरेशन यूनिट के संचालन के लिए जगह ही नहीं है। ऐसे में नए भवन की जरूरत आन पड़ी है।
…तो आमजन को मिलती सुविधा
ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट के संचालन से आमजन को सुविधा मिलती। डेंगू रोगियों को प्लेटलेट्स के लिए कोटा नहीं जाना पड़ता। उन्हें बूंदी में ही तमाम सुविधा मिल जाती। कंपोनेंट यूनिट की शुरुआत वर्तमान समय में बहुत आवश्यक है।
कौन बताए कब शुरू होगी ब्लड कंपोनेंट यूनिट
जिला अस्पताल में ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट स्वीकृत हो चुकी।इसके संचालन से डेंगू पीडि़त रोगियों को प्लेटलेट्स उपलब्ध हो सकेंगे, लेकिन कंपोनेंट यूनिट संचालन के लिए ब्लड बैंक को जगह नहीं मिल रही।भवन के अभाव में कंपोनेंट यूनिट की स्थापना नहीं होने से आम रोगियों को सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है। जबकि अन्य जिलों में कंपानेंट यूनिट शुरू हो चुकी।
ब्लड बैंक बूंदी के प्रभारी अधिकारी डॉ. लक्ष्मीनारायण मीणा का कहना था कि जर्जर भवन के कारण सहायक औषधि नियंत्रक ब्लड बैंक का वर्षों से लाइसेंस नवीनीकरण नहीं कर रहे हैं। हर बार उनका ऑब्जेक्शन रहता है। वर्तमान ब्लड बैंक भवन छोटा पड़ रहा है। यदि बैंक का खुद का भवन होता तो ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट कब की शुरू कर देते। यूनिट के लिए लाखों की मशीनें आ गई है, लेकिन भवन नहीं है।
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