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दाल के लिए नहीं ताकेंगे पड़ोसी का मुँह

locationबूंदीPublished: Feb 08, 2018 12:23:23 am

Submitted by:

Suraksha Rajora

– यूनिट स्थापित करने वाला पहला केंद्र बना- कृषि विज्ञान केंद्र

Bundi dalhan seed hub

बूंदी. कृषि विज्ञान केन्द्र पर सीड्स प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित उत्पादन कार्यक्रम के तहत अब फसलें लहलहा उठी। यहां दलहन को बढ़ावा मिलेगा। कृषि मंत्रालय ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत दलहन का बीज उत्पादन केंद्र बनाने के लिए चयन किया था। इस बीज उत्पादन की जिम्मेदारी बूंदी के कृषि विज्ञान केंद्र को सौंपी गई।

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दलहन सीड हब के तहत इस वर्ष केन्द्र को 600 क्विंटल चने का प्रमाणित बीज उत्पादन करने का लक्ष्य दिया गया, जिसपर केन्द्र ने साढ़े 9 हैक्टेयर ब्रीडर टू फाउण्डेशन बीज उत्पादन का कार्यक्रम शुरू किया था। 18 हैक्टेयर में गृतिशील कृषकों के खेतों पर अब सभागिता से प्रमाणित बीज तैयार करने का काम शुरू किया है।इस बीज का राज्य प्रमाणीकरण संस्था ने प्रमाणीकरण भी किया है।इस उत्पादिन बीज को केन्द्र समर्थन मूल्य या बाजार मूल्य से 10 प्रतिशत अधिक दर जो भी अधिक हो, पर केन्द्र खरीदेगा। इस कार्यक्रम से जिले में दलहन के प्रमाणित बीज की उपलब्धता बढ़ेगी। इससे आने वाले समय में किसानों को उचित मूल्य पर दलहल की बीज उपलब्ध होगा।

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किसानों को मिलेगा फायदा
आप को बता दें कि अप्रेल 2017 में यह कार्य प्रारम्भ हुआ, जिसमें मार्च 2018 तक देशभर में कुल 150 हब तैयार होने हंै। दूसरे चरण में सीड्स प्रोडक्शन के मामले में 50 में से बूंदी कृषि विज्ञान केन्द्र पहला शहर तैयार हुआ है। जिसने निर्धारित समय से पहले न केवल भंडारण गोदाम को तैयार कर ग्रेडिंग प्लांट की स्थापना की बल्कि बीज प्रोसेसिंग भी शुरू कर दिया।जिससे समय से पहले ही किसानों को फायदा मिलेगा।

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किसान बेच सकेंगे
जिले में अब किसानों को दलहन के बीज खरीदने और दाल बेचने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। दलहन को बढ़ावा देने के कार्यक्रम शुरू किया है। कृषि मंत्रालय ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दलहन का बीज उत्पादन केंद्र बनाने के लिए चयन किया है। इस बीज उत्पादन की जिम्मेदारी कृषि विज्ञान केंद्र को सौंपी है।

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सीड्स गोदाम बनेंगे
कृषि विज्ञान केंद्र में स्थापित अत्याधुनिक रेटपू्रफमॉर्डन सीड्स गोदाम में पूरी तरह वेंटिलेशन का ध्यान रखा है। इससे अब दलहन की फसल खराब नहीं होंगी। सीड्स प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने का लक्ष्य मिला था।इसे सबसे पहले बूंदी ने स्थापित कर उत्पादन शुरू कर दिया है। इससे किसानों को फायदा मिलेगा।
डॉ.एन.एल. मीणा, कार्यक्रम समन्वयक कृषि विज्ञान केन्द्र, बूंदी

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