बूंदीPublished: Jul 05, 2019 01:08:47 pm
पंकज जोशी
बूंदी के पूर्व राजपरिवार की सम्पत्ति को लेकर चल रहे गतिरोध पर गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट के अहम फैसले के बाद विराम लग गया। हाईकोर्ट ने अविनाश चांदना की ओर से कर रखी प्रोबेट (वसीयत की सत्यता को घोषित कराना) को खारिज कर दिया है।
बूंदी के भानेज और पूर्व राजपरिवार के सदस्य पूर्वमंत्री भंवर जितेन्द्र सिंह के लिए राहत की खबर
बूंदी. बूंदी के पूर्व राजपरिवार की सम्पत्ति को लेकर चल रहे गतिरोध पर गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट के अहम फैसले के बाद विराम लग गया। हाईकोर्ट ने अविनाश चांदना की ओर से कर रखी प्रोबेट (वसीयत की सत्यता को घोषित कराना) को खारिज कर दिया है।
चांदना ने प्रोबेट वर्ष 2010 में प्रस्तुत की थी। चांदना का वसीयत के माध्यम से दावा था कि बूंदी पूर्व राजपरिवार के सदस्य रणजीत सिंह ने जीवित रहते आधी सम्पत्ति उनके नाम कर दी थी। जिस पर वे लगातार हक जताते आ रहे थे। इस पर पूर्व राजपरिवार के सदस्य और बूंदी के भानेज भंवर जितेन्द्र सिंह ने आपत्ति दर्ज कराई थी। करीब नौ साल तक न्यायालय में प्रोबेट पर सुनवाई हुई। सुनवाई में दोनों ही पक्षों की ओर से विभिन्न गवाह और दस्तावेज पेश किए गए। सुनवाई पूरी होने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को प्रोबेट को खारिज कर दिया। बूंदी मोतीमहल के व्यवस्थापक जय सिंह ने बताया कि बूंदी के पूर्व राजपरिवार की संपत्ति को लेकर चल रहे विवाद में दिल्ली हाईकोर्ट का यह अहम निर्णय है। कोर्ट ने वसीयत को सही नहीं माना है।