ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने सरकार से जल्द उचित मुआवजा दिलाकर, राज्य सरकार व केंद्र सरकार की योजना का लाभ दिलाते हुए धनेश्वर के आसपास विस्थापित करने की मांग की है।
पानी की समस्या
गांव में पानी की सुविधा के नाम मौजूद संसाधन भी गर्मी की शुरुआत में जवाब दे चुके हैं। गर्मी में ग्रामीण पीने का पानी तरह तरह के जतन कर प्राप्त कर रहे हैं। गर्मी के दिनों में पीने का पानी भी दूर से लाना पड़ रहा है। कभी कभी जानवरों को पीने का पानी भी नसीब नहीं हो पा रहा है।
उच्चशिक्षा के लिए जाना पड़ता है दूर
गांव में बच्चों की शिक्षा के लिए प्राथमिक विद्यालय है। विद्यालय भवन के नाम पर एक कच्चा घर हैं। जिसमें शैक्षणिक गतिविधियां संचालित की जा रही है। उच्चशिक्षा के लिए बच्चों को जंगल के रास्ते पैदल ही नजदीकी गांव धनेश्वर, गुढा या राजपुरा के विद्यालय में जाना पड़ता है।
कच्चे उबड़ खाबड़ रास्तों का सफर
ग्रामीणों को जंगल के रास्ते पैदल या अपने साधन से ही सफर करना पड़ता है। गांव को गुढा राजपुरा से जोडऩे वाला रास्ता कच्चा व उबड़ खाबड़ हैं। जिसपर बारिश के दिनों में निकलना मुश्किल हो जाता है। गांव तक पहुंचने के लिए जंगली जानवरों का भय बना रहता है।
ग्रामीणों को वर्तमान स्थिति का उचित मुआवजा मिले। विस्थापित करने के लिए जगह का चयन किया हुआ है। इन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ मिलते हुए विस्थापित किया जाए। गांव मुकन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व के दायरे में होने के कारण ग्रामीण किसी प्रकार का सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे। ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं को भी तरस रहे है।
अब भी उम्मीद कायम
कुछ ग्रामीणों को अब भी उम्मीद है सरकार उन्हें यथास्थिति में ही पट्टे बनाकर देगी। उन्हें सरकार की सडक़ योजना, आवास योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।
सत्तू खटीक, सरपंच ग्राम पंचायत धनेश्वर
वनक्षेत्र के कोर एरिया में 16 में से 14 गांव को विस्थापित करना प्रस्तावित है। जिसमें एक रोजा का तालाब भी है।
बीजो जॉय, उपवन सरंक्षक मुकुन्दरा राष्ट्रीय उद्यान कोटा