बूंदीPublished: Nov 14, 2019 12:13:32 pm
पंकज जोशी
चम्बल सिंचित क्षेत्र की केशवरायपाटन व कापरेन ब्रांच के अंतिम छोर के तीन दर्जन से अधिक गांवों में एक पखवाड़े बाद भी नहरों में पानी नहीं पहुंच पाया है। किसानों को पलेवा के लिए नहरी पानी का बेसब्री से इंतजार है।
एक पखवाड़े बाद भी नहीं पहुंचा नहरी पानी,खेतों में नहीं हो पाया पलेवा
लाखेरी. चम्बल सिंचित क्षेत्र की केशवरायपाटन व कापरेन ब्रांच के अंतिम छोर के तीन दर्जन से अधिक गांवों में एक पखवाड़े बाद भी नहरों में पानी नहीं पहुंच पाया है। किसानों को पलेवा के लिए नहरी पानी का बेसब्री से इंतजार है। शीघ्र पानी नहीं पहुंचा तो उत्पादन प्रभावित हो सकता है। लाखेरी उपखण्ड में करीब 40 हजार हैक्टेयर कृषि भूमि है। जिसमें से करीब 15 हजार हैक्टेयर कृषि भूमि पर चम्बल सिंचित क्षेत्र की केशवरायपाटन व कापरेन ब्रांच की नहरों से सिंचाई होती है। अभी तक दोनों नहरों का अंतिम छोर का नहरी तंत्र सूखा पड़ा है। पानी वर्तमान में देहीखेड़ा के झपायता नाले के आसपास चल रहा है, जो भी नाम मात्र का है। किसानों ने बताया कि गेहंू की बुवाई का सीजन नजदीक आ गया है। पलेवा के बाद खेत तैयार करने में ही 15-20 दिन लग जाएंगे। गेहंू की बुवाई का उपयुक्त समय चल रहा है, जो नवम्बर के अंत तक माना जाता है। नहरी पानी नहीं मिला तो परेशानी होगी।
इन गांवों में सूखे पड़े खेत
अंतिम छोर में केशवरायपाटन ब्रांच के गुहाटा, कोटाखुर्द, माखीदा, बसवाड़ा, पापड़ी, जाड़ला, बहड़ावली, बगली, पीपल्दाथाक , बड़ाखेड़ा, सामरा, कांकरा मेज, पाली सहित कई गांव और कापरेन ब्रांच के रामगंज, डपटा, डडवाडा, खरायता, ढगारिया, छप्पनपुरा, प्रतापगढ़, रेबारपुरा, पचीपला, खेडिय़ामान, खेडिय़ादुर्जन, लक्ष्मीपुरा, नोताड़ा गांव के खेत सूखे पड़े हैं।
आंदोलन करेंगे धरतीपुत्र
नहरोंं में जलप्रवाह के 15 दिन बाद भी अंतिम छोर में पानी नहीं पहुंचने से क्षेत्र के किसान आंदोलन की तैयारी में है। उपसरपंच बुद्धिप्रकाश मीणा, सरपंच पवन मीणा, दीपिका शर्मा, हेमंती मीणा, साहबलाल गोचर, जगदीश प्रसाद सहित कई जनप्रतिनिधियों ने बताया कि 1-2 दिन में प्रशासन ने टेल क्षेत्र की नहरों में पानी नहीं पहुंचाया तो किसान आंदोलन पर उतर जाएंगे।