17.71 करोड़ का भुगतान, फिर भी हाइवे की हालत खराब
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 52 कोटा से देवली तक राजस्थान कोटा के परियोजना निदेशक के अंतर्गत वर्ष 2019 - 20 में कोटा से देवली तक राष्ट्रीय राजमार्ग के पुनर्निर्माण पैच वर्क, हाई मास्क रोड लाइट-36, बस स्टॉप, हाइवे पर पौधरोपण, पौधों की कटाई, पेंटिंग का कार्य सहित कई मरम्मत कार्य का टैंडर जयपुर की फर्म मैसर्स रमेश कुमार बंसल को 20 सितम्बर 19 को एक वर्ष के लिए दिया गया था

17.71 करोड़ का भुगतान, फिर भी हाइवे की हालत खराब
पीएमओ ने नई दिल्ली सडक़ मंत्रालय के सीजीएम को दिए जांच के आदेश
तालेड़ा. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 52 कोटा से देवली तक राजस्थान कोटा के परियोजना निदेशक के अंतर्गत वर्ष 2019 - 20 में कोटा से देवली तक राष्ट्रीय राजमार्ग के पुनर्निर्माण पैच वर्क, हाई मास्क रोड लाइट-36, बस स्टॉप, हाइवे पर पौधरोपण, पौधों की कटाई, पेंटिंग का कार्य सहित कई मरम्मत कार्य का टैंडर जयपुर की फर्म मैसर्स रमेश कुमार बंसल को 20 सितम्बर 19 को एक वर्ष के लिए दिया गया था। टैंडर फर्म को 18 करोड़ 46 लाख राशि मंजूर की गई थी। इसके बावजूद भी राष्ट्रीय राजमार्ग 52 की दशा बिगड़ी हुई है। पैच वर्क करने के साथ ही उनकी गिट्टी उखडऩे लगी है। जिससे वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग की दुर्दशा से सडक़ पर वाहन चलाना जान को खतरे में डालना है। भारी राशि का बजट एनएचआई द्वारा भुगतान किए जाने के बावजूद भी संवेदक द्वारा घटिया सामग्री का प्रयोग करते हुए लापरवाही और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया है।
मंत्रालय के सीजेएम को सौंपी जांच
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों व संवेदक के बीच मिलीभगत व लापरवाही का मामला सामने आने पर गंभीरता से लेते हुए बारीकी से कार्यों का अवलोकन करने के पीएमओ ने नई दिल्ली सडक़ मंत्रालय के सीजीएम दिग्विजय मिश्रा को जांच के आदेश दिए है।
कार्रवाई करने की मांग
एनएचएआई कोटा द्वारा संवेदक को 17 करोड़ 71 लाख रुपए का भुगतान गलत तरीके से करने को लेकर ठेकेदार फर्म मैसर्स व परियोजना निदेशक कोटा एवं लहासा के स्वतंत्र अभियंता के विरुद्ध अवैध भुगतान उठाने का मुकदमा दर्ज कर पूरे कार्य की निष्पक्ष रुप से केंद्रीय एजेंसी से जांच करवा कर तत्काल कार्यवाही की मांग की है। जिसकी शिकायतकर्ता अनिल जैन ने पूरे प्रकरण की फ़ाइल बनाकर प्रधानमंत्री, सडक़ परिवहन मंत्री, केंद्रीय सतर्कता आयोग, मुख्य महाप्रबंधक एनएचएआई जयपुर को मय दस्तावेजों के भेजी है।
तालेड़ा- अकतासा में हाई मास्क लाइट की मांग
राष्ट्रीय राजमार्ग 52 पर कोटा बूंदी के बीच अकतासा- तालेड़ा कस्बे के तिराए जानलेवा पॉइंट बने हुए हैं। फोरलेन पर वाहनों की आवाजाही शुरू होने के साथ ही कस्बेवासियों ने दोनों तिरायों पर हाई मास्क लाइट लगाने की मांग करते आ रहे हैं। लेकिन अभी तक उस पर भी कोई ध्यान नहीं दिया गया है जिससे वाहन चालक आए दिन दुर्घटना का शिकार होते हैं कई लोगों की दर्दनाक मौत भी हो चुकी है। बजट राशि का दुरुपयोग कर आला अधिकारी व संवेदन मिलीभगत कर अपनी जेब भर रहे हैं।
कोटा मुख्यालय से मेरा 2- 3 महीने पहले ही स्थानान्तरण हो गया है। भुगतान संवेदक को किया हो तो अभी मेरी जानकारी में नहीं है। अभी कार्यरत अधिकारी ही जानकारी दे सकते है।
वीरेंद्र सिंह, परियोजना निदेशक, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण कोटा
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