बूंदीPublished: Sep 17, 2019 09:52:49 pm
पंकज जोशी
ढोलक की थाप पर अलगोजों व मंजिरों की गूंज पर तेजाजी के गीतों पर हाथों में छतरियां लेकर नृत्य करती महिला-पुरुषों के दल और कच्छी घोड़ी नृत्य की धूम ने मंगलवार को यहां दहेलवालजी मेले में निकाली झण्डी की शोभायात्रा में लोक संस्कृति के नजारों को जीवंत कर दिया।
अलगोजों की धुन पर तेजाजी के गीतों पर खूब थिरके लोक कलाकार
नैनवां. ढोलक की थाप पर अलगोजों व मंजिरों की गूंज पर तेजाजी के गीतों पर हाथों में छतरियां लेकर नृत्य करती महिला-पुरुषों के दल और कच्छी घोड़ी नृत्य की धूम ने मंगलवार को यहां दहेलवालजी मेले में निकाली झण्डी की शोभायात्रा में लोक संस्कृति के नजारों को जीवंत कर दिया। शोभायात्रा में शामिल लोक कलाकार अलगोजों की धुन पर तेजाजी गायन की स्वर लहरियों पर देहाती महिलाओं व पुरुषों के मनमोहक लोक नृत्यों को देखने के लिए लोगों के कदम ठहरे रहे।
शोभायात्रा में पूरे समय महिला- पुरुषों ने नृत्य करने की ऐसी होड़ रही कि नवलसागर तालाब से रवाना हुई शोभायात्रा को दहेलवालजी के थानक पर पहुंचने में ही पांच घंटे लग गए। शोभायात्रा के मार्ग पर नजारों को देखने के लिए चबूतरियों व मकानों की छतें अटी रही। झण्डियों के आगे अलगोजों की स्वर लहरियों पर तेजाजी गीत गाती टोलियां चल रही थी। जिनके पीछे धूपाड़े लेकर चल रहे श्रद्धालु घी होम रहे थे। शोभायात्रा के पीछे पर डीजे पर भजनों की धुन पर भी युवकों की टोलियां ठुमके लगाते हुए चली।