भले ही जजावर अस्पताल में एम्बुलेंस मिल गई हो, लेकिन डेढ़ माह से एम्बुलेंस केवल शोपीस बनकर रह गई है।
बूंदी•Apr 18, 2021 / 05:48 pm•
Narendra Agarwal
चालक के अभाव में डेढ़ माह से शोपीस बनी एम्बुलेंस
जजावर. भले ही जजावर अस्पताल में एम्बुलेंस मिल गई हो, लेकिन डेढ़ माह से एम्बुलेंस केवल शोपीस बनकर रह गई है। ड्राइवर के अभाव में एम्बुलेंस अब तक एक इंच भी नहीं हिली है। राष्ट्रीय राजमार्ग 148 डी पर स्थित जजावर पीएचसी (अब सीएचसी में क्रमोन्नत) पर एम्बुलेंस आए डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी ड्राइवर की उपलब्धता नहीं हो सकी है।
दुर्घटना होने पर निजी वाहनों का सहारा
ग्रामीणों ने बताया कि जजावर अस्पताल में एम्बुलेंस के आने के बाद खुशी मिली थी, लेकिन ड्राइवर के अभाव में खड़ी रहती है। अभी कुछ दिन पहले ही हाईवे पर रतनपुरा मोड़ में एक ट्रैक्टर व कार की टक्कर हो गई। जिसमें ट्रैक्टर चालक को घायलावस्था में निजी वाहन में ले जाना पड़ा। वहीं झैठाल माताजी के दरवाजे के पास दो बाइक की टक्कर हो गई थी। जिसमें भी दो जने घायल हो गए थे। 108 एम्बुलेंस के जल्दी नहीं आने व जजावर अस्पताल में स्थित एम्बुलेंस में ड्राईवर नहीं होने से इन्हें भी निजी वाहन में ले जाना पड़ा। ग्रामीणों ने बताया कि अब तो जजावर अस्पताल पीएचसी से सीएचसी में क्रमोन्नत हो चुका है। ऐसे में जल्द एम्बुलेंस के लिए उचित इंतजाम करने चाहिए।
इस तरह होनी थी एम्बुलेंस संचालित
जानकार सूत्रों की माने तो एंबुलेंस का संचालन के लिए ड्राइवर की व्यवस्था नियमानुसार आरएमआरएस जजावर के माध्यम से ऑन कॉल बेसिस पर की जाएगी। इसके लिए बजट की आवश्यकता होने पर इस संबंध में राज्य सरकार से दिशा-निर्देश प्राप्त कर उक्त कार्य पूर्ण किया जाएगा। वहीं आर एम आर एस की आय कम होने के कारण वाहन के संचालन के लिए पीओएल मरीज एवं उसके परिजनों द्वारा वहन किया जाएगा। पीओएल की दर निर्धारण के लिए स्थानीय स्तर पर कमेटी गठित कर निर्णय किया जाएगा।