यह केन्द्र चल रहे किराये के कमरों में
आंगनबाड़ी केन्द्र करवर प्रथम, करवर द्वितीय, खजूरी पचंायत के फटूकड़ा, सहण के मीणों का झोपड़ा, करवर में अरियाली, देई में केन्द्र संख्या सात, कालबेलिया बस्ती, मीणों का झोपड़ा, गुढासदवार्तिया, फूलेता पंचायत में दलेलपुरा, बागेड़ा, नाथड़ी, पीपल्या का केन्द्र संख्या दो, भजनेरी का केन्द्र संख्या तीन च सरसों बणजारो का झोपड़ा, खानपुरा में चेनपुरिया व खानपुरा प्रथम किराये के कमरों में चल रहे है। नैनवां शहरी क्षेत्र में टोडापोल द्वितीय व तृतीय, देईपोल, सुभाष कॉलोनी, भवानीनगर, कालबेलिया बस्ती, प्रतापनगर तथा विवेकानन्द कॉलोनी के केन्द्र भी किराये के कमरों में सचांलित हो
रहे है।
निशुल्क भूखंड मिलने पर ही स्वीकृत होती है राशि
महिला व बाल विकास विभाग के सूत्रों के अनुसार आंगनबाड़ी भवन के निर्माण के लिए नियम है कि पहले 40 गुणा 60 फीट का भूखंड निशुल्क मिले। उसके बाद ही भवन का निर्माण कराया जा सकता है। गांवों में तो जगह उपलब्ध हो जाती है तथा ग्राम पंचायतों को निशुल्क भूखंड देने का अधिकार होता है जबकि नगरपालिका क्षेत्र में निशुल्क भूखंड नहीं दिया जा सकता। निशुल्क भूखण्ड मिलने पर ही आंगनबाड़ी भवन निर्माण के लिए राशि स्वीकृत करता है। गांवों में संचालित 51 विद्यालयों ने अपने परिसर में आंगनबाड़ी भवन बनाने के लिए एनओसी जारी कर रखी है, लेकिन उनके लिए भी भवन निर्माण की राशि स्वीकृत नही हो पाई।
सूचना भेज रखी
महिला एवं बाल विकास विभाग नैनवां के लेखाकार आशाराम नागर का कहना है कि भवन विहीन आंगनबाड़ी केन्द्रों व मरम्मत मांग रहे भवनों की सूचना विभाग के उपनिदेशक को भेज रखी है।