पिछले वर्ष कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन के बाद अब एक वर्ष के करीब बीत जाने के बाद भी रोडवेज बस सेवा फिर से बहाल नहीं होने से यात्रियों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बूंदी•Feb 23, 2021 / 07:29 pm•
पंकज जोशी
इस कारण से बंद हो गई रोडवेज बसें, अब ग्रामीणों ने अपनाया यह तरीका
इस कारण से बंद हो गई रोडवेज बसें, अब ग्रामीणों ने अपनाया यह तरीका
ग्रामीणों को आवागमन में हो रही परेशानी
जजावर. पिछले वर्ष कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन के बाद अब एक वर्ष के करीब बीत जाने के बाद भी रोडवेज बस सेवा फिर से बहाल नहीं होने से यात्रियों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक की लोगों के लिए जिला मुख्यालय में जाने के लिए भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र में आबादी बढऩे के साथ यात्री साधनों में वृद्धि नहीं हो पा रही है। यात्री साधनों की कमी के कारण लोगों को मजबूरी में निजी वाहनों में सफर करने को विवश होना पड़ता है।
नैनवां से बूंदी के लिए 9 बजे से पहले नहीं बसें
कस्बेवासियों ने बताया यदि किसी को बूंदी जाना हो तो सुबह 9 बजे के पहले कोई बस सेवा नही है। एक प्राइवेट बस सुबह 9 बजे के करीब जजावर से गुजरती हैं। उसके बूंदी पहुंचने का समय भी 11 बजे के बाद का है। जिससे सुबह जल्दी पहुंचने वाले को परेशानी होती है। पहले जयपुर से बूंदी वाया जजावर, अलोद, धोवड़ा मार्ग पर संचालित होने वाली एक रोडवेज बस को कोरोना के बाद बंद कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि यह बस जयपुर से रात के ढाई बजे से सुबह साढ़े आठ बजे बूंदी पहुंचने वाली एवं बूंदी से शाम पांच बजे रवाना होकर शाम को साढ़े छह बजे जजावर होकर जयपुर जाती थी। जो 11 माह से बंद हैं।
अब तो हाईवे पर सरपट दौड़ते हैं वाहन
जानकारों की माने तो बसों के संचालन के दौरान अच्छी खासी राजस्व की आय होती थी। हाइवे नहीं बनने से पहले मार्ग खराब होने का हवाला देकर इसका संचालन पहले भी बंद कर दिया जाता था। पहले विभाग सडक़ की दशा को देखते हुए संचालन में आनाकानी करता रहा, लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग 148 डी के बनने के बावजूद संबंधित विभाग जिम्मेदारी से भाग रहा है। जबकि निजी वाहन सहित अन्य सभी वाहन सरपट दौड़ते नजर आते है।
इनका कहना है…
बूंदी आगार में स्टाफ की कमी से बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। पहले से स्टाफ की कमी के बाद कई स्टाफ का रिटायरमेंट हो गया। नए स्टाफ लगवाने को लेकर मुख्यालय में डिमांड भिजवाई गई। जैसे ही स्टाफ की कमी पूरी होगी। बसों का संचालन सुचारू रूप से करवा दिया जाएगा।
रीनू देवड़ा, प्रबंधक, बूंदी आगार